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यहां हैं दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर! क्‍या है पांडवों से इसका कनेक्‍शन?

जमीन नहीं झील के बीचो बीच स्थित है ये कृष्ण मंदिर

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WD Feature Desk

, शनिवार, 24 अगस्त 2024 (15:50 IST)
Janmashtami 2024
Janmashtami 2024 : जन्माष्टमी जैसे खास मौकों पर लाखों भक्त भगवान कृष्ण के दर्शन करने देश के अलग-अलग मंदिरों में पहुंचते हैं। क्या आपने कभी दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर बसे श्री कृष्ण मंदिर के बारे में सुना है? ALSO READ: Janmashtami Matki Decoration: जन्माष्टमी पर ऐसे सजाएं मटकी, सब करेंगे तारीफ
 
जी हां, दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर किसी और देश में नहीं, बल्कि भारत में ही स्थित है। इस लेख में हम आपको इस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हर भक्त की मुराद पूरी होती है। ALSO READ: Janmashtami Rangoli Designs: जन्माष्टमी पर बनाएं ये 4 आसान और सुंदर रंगोली, घर दिखेगा खूबसूरत
 
कहां हैं दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर?
इस खूबसूरत मंदिर की खासियत जानने से पहले आपको यह बता देते हैं कि यह कहां स्थित है। यह हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित है। यह मंदिर किन्नौर के निचार में युल्ला कांडा में है, जिसे कृष्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। शिमला से इस मंदिर की दूरी लगभग 258 किलोमीटर है।
 
क्यों है ये मंदिर इतना प्रसिद्ध?
दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर भक्तों के लिए बेहद खास है। कहा जाता है कि जो पर्यटक प्रकृति से प्रेम करने के साथ-साथ आस्था में विश्वास रखते हैं, वो इस मंदिर का दर्शन करने जरूर पहुंचते हैं। यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए एक पवित्र मंदिर है।
 
हिमाचल की कांडा ट्रैकिंग के पास में स्थित इस कृष्ण मंदिर का दर्शन करने हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। जन्माष्टमी और होली के खास मौकों पर इस मंदिर का दर्शन करने हजारों की संख्या में भारत और विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। इस मंदिर का वातावरण भी सैलानियों को खूब आकर्षित करता है।
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इस झील के बीच में मौजूद है यह मंदिर
आपको बता दें कि दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर समतल जमीन पर नहीं, बल्कि झील के बीचो-बीच में स्थित है। इस झील के बारे में भी एक मान्यता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस झील का निर्माण पांचों पांडवों ने अपने वनवास के दौरान किया था और इस मंदिर का निर्माण भी पांडवों ने ही किया था।
 
आपकी जानकारी के लिए बता दें की बर्फबारी के समय इस मंदिर की खूबसूरती चरम पर होती है, क्योंकि बर्फबारी के समय यह मंदिर और झील पूरी तरह से बर्फ से ढक जाती है, जिससे आसपास का नजारा बेहद ही मनमोहक दिखाई देता है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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