Amarnath Yatra: उत्तराखंड के छोटा चार धाम से भी ज्यादा खतरनाक यात्रा अमरनाथ की मानी जाती है, क्योंकि दुर्गम रास्तों के साथ ही यहां पर ऑक्सीजन का लेवल कम होता है और साथ ही कड़ाके की ठंड रहती है। पारा 5 डिग्री या कभी तो माइनस में चला जाता है। इस बची यदि बारिश हो जाए तो यात्रा और भी ज्यादा कठिन हो जाती है। बारिश के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा में कई तरह के खतरे रहते हैं। ऐसे में यदि आप अमरनाथ यात्रा कर रहे हैं तो आपको 10 सावधानियां जरूर रखना चाहिए।
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1. अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो बच्चों और वृद्धों को साथ न ले जाएं। 13 वर्ष से कम उम्र या 65 वर्ष से ऊपर और गर्भवती महिलाओं न ले जाएं।
2. परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं तो यात्रा के सभी नियमों और रुट को अच्छे से समझ लें।
3. पहाड़ों पर यात्रा के लिए महिलाएं साड़ी के बजाय सलवार सूट या कोई सुविधाजनक वस्त्र पहनें।
4. यात्रा के दौरान कैंपों और लंगर की व्यवस्था है। कैंपों में रहते वक्त सतर्क रहें और मौसम के अनुसार रात्रि में सुरक्षा के साधन साथ में रखें। तय समय पर ही यात्रा कैप पर पहुंच जाएं।
5. यदि ग्रुप में यात्रा कर रहे हैं तो अपने ग्रुप से दूर न हों, एकत्रित होकर ही यात्रा करें। ग्रुप से दूर होने पर सभी लोग परेशानी उठाते हैं।
7. रेनकोट ले जाना न भूलें और सामानों को वॉटरप्रूफ रखने के लिए जरूरी कार्य करें।
8. यदि आपको लगता है कि आप आगे यात्रा जारी नहीं रख सकते हैं या आपके किसी सदस्य को किसी प्रकार की कोई स्वास्थ्य परेशानी है तो आपको यात्रा स्थगित करके किसी सुरक्षित कैंप में शरण लेना चाहिए। यह न सोचें कि इतनी दूर आने के बाद तो अब दर्शन करने ही लौंटेंगे। जिंदगी रहेगी तो बाद में भी दर्शन हो जाएंगे।
10. जरूरी सामान में कंबल, छाता, रेलकोट, वाटरप्रूफ बूट, छड़ी, टार्च, स्लीपिंग बैग आदि रख लें। खाने के सामान में सूखे मेवे, टोस्ट, बिस्किट और पानी की बोतल जरूर रख लें।
12. अमरनाथ की यात्रा के मार्ग में कई लोगों का ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है ऐसे में सावधानी बरतें। जिन लोगों में आयरन और कैल्शियम की कमी होती हैं उनके शरीर में ऑक्सिजन लेवल भी जल्द ही घट जाता है। कई लोग इसके लिए कर्पूर का उपयोग भी करता है। कपूर को नाक के पास लगाकर सूंघा जाता है।
13. खाली पेट यात्रा न करें। यात्रा प्रारंभ होने के समय नाश्ता जरूर कर लें या खाने का समय हो तो खाना खाकर ही निकलें। ये न सोचे की रास्ते में किसी कैंप में खा लेंगे।
14. अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए 2 रास्ते हैं- एक पहलगाम होकर जाता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से जाता है। यानी देशभर के किसी भी क्षेत्र से पहले पहलगाम या बालटाल पहुंचना होता है। इसके बाद की यात्रा पैदल की जाती है। सरकार द्वारा निर्धारित रास्ते से ही यात्रा करें। चेतावनी वाले स्थानों पर न रुकें, आगे बढ़ते रहें।