Mahakal Lok Ujjain: 11 अक्टूबर 2022 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल ज्योतिर्लिंग कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण पर शहर के मंदिरों में होगा सीधा प्रसारण, दीपोत्सव के साथ ही होंगे धार्मिक अनुष्ठान भी। इस संपूर्ण महाकाल क्षेत्र को महाकाल लोक कहा जा रहा है लेकिन क्या महाकाल वन कहना उचित है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि महाकाल कॉरिडोर का नाम महाकाल लोक नहीं बल्कि महाकाल वन होना चाहिए था। इस संपूर्ण क्षेत्र को पहले महाकाल वन ही कहा जाता था। उज्जैन के प्रख्यात पंडित सूर्यनारायण व्यास के पुत्र इतिहासकार, पुरातत्त्ववेत्ता, लेखक,संपादक और निर्माता-निर्देशक राजशेखर व्यास का भी यही मानना है कि इसका नाम महाकाल वन रखना सही होगा।
स्कंद पुराण में महाकाल मंदिर के आसपास के क्षेत्र को महाकाल वन बताया गया है, जिसमें हरसिद्धि, कालभैरव और गढ़कालिका विराजमान हैं। कांग्रेस के विधायक महेश परमार ने भी कॉरिडोर का नाम महाकाल लोक रखे जाने का विरोध किया है।
महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। इंदौर सहित उज्जैन के सभी मुख्य मंदिरों पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से मंदिर में महाकाल लोक के लोकार्पण का लाइव प्रसारण भी दिखाया जाएगा। उज्जैन में 30 से अधिक स्थानों पर उक्त आयोजन का लाइव प्रसारण किया जाएगा। साथ ही हर मंदिर में दोपोत्सव जैसे माहौल रहेगा। आकर्षक साज-सज्जा के साथ मंदिरों में भव्य महाआरती, धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही घर-घर दीप जलाए जाएंगे। लोकार्पण में शामिल होने के लिए घर-घर न्यौता दिया गया है।