Ramdevra Baba ka mandir: रामदेवरा मंदिर जैसलमेर के बारे में 5 रोचक जानकारी
बाबा रामदेव के रुणिचा स्थित मंदिर पर लगेगा 10 दिवसीय मेला
पीरों के पीर रामापीर, बाबाओं के बाबा रामदेव बाबा' को सभी भक्त बाबारी कहते हैं। बाबा रामदेवजी को हिन्दू रामदेवजी और मुस्लिम उन्हें रामसा पीर कहते हैं। मध्यकाल में जब अरब, तुर्क और ईरान के मुस्लिम शासकों द्वारा भारत में हिन्दुओं पर अत्याचार कर उनका धर्मांतरण किया जा रहा था, तो उस काल में हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए सैकड़ों चमत्कारिक सिद्ध, संतों और साधुओं का जन्म हुआ। उन्हीं में से एक हैं रामापीर। 5 सितंबर 2024 को उनकी जयंती मनाई जा रही है। उनकी अवतरण तिथि भाद्र माह के शुक्ल पक्ष द्वितीय को है।
2. साल में दो बार यानी भाद्रपद शुक्ल दूज को और माघ माह दूज को रामदेवरा में भव्य मेलों का आयोजन किया जाता है। यह मेला दूज से लेकर दशमीं तक लगता है।
3. रामदेवरा में बाबा रामदेव के दर्शन करने के लिए लाखों लोग दूर दूर से आते हैं। इनमें से हजारों तो पैदल ही वहां जाते हैं। सफेद रंग की या पचरंगी ध्वजा को हाथ में लेकर सैंकड़ों जत्थे रामदेवरा की ओर जाते नजर आ जाएंगे।
4. रुणिचा में बाबा रामदेव ने जिस स्थान पर समाधि ली थी, उस स्थान पर बीकानेर के राजा गंगासिंह ने एक सुदंर और भव्य मंदिर का निर्माण करवाया है।
5. रुणिचा के मंदिर में बाबा की समाधि के अलावा उनके परिवार वालों की समाधियां भी हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में बाबा की मुंहबोली बहन डाली बाई की समाधि, डालीबाई का कंगन एवं राम झरोखा भी स्थित हैं।
6. कैसे पहुंचे रामदेवरा :
1. रामदेवरा से सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जैसलमेर है जो मंदिर से लगभग 120 किमी दूर है। यहां से रामदेवरा के लिए बसें और टैक्सी मिल जाएगी।
2. रामदेवरा से जोधपुर एयरपोर्ट सबसे नजदीक है। यहां से आपको ट्रेन अथवा टैक्सी के जरिए रामदेवरा जाना होगा।।
3. रामदेवरा के पास लाठी स्टेशन तक बस जाती है यहां से आटो या टैक्सी से रामदेवरा जा सकते हैं। यहां से रामदेवरा 41 किमी दूर है।