Why are tableaux taken out on Republic Day : 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर तीनों सेना के जवानों की परेड के साथ ही देश के कुछ प्रदेशों की झांकियां भी निकाली है। स्कूली बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होता है। इस दौरान देश विदेश से कई मेहमान, गणमान्य नागरिक और नेता लोग उपस्थित होकर झांकियों और सेना के शक्ति प्रदर्शन का आनंद लेते हैं।
गणतंत्र दिवस पर क्यों निकालते हैं झांकियां?
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गणतंत्र दिवस की परेड में हर राज्य की झांकियां निकलती हैं।
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इस बार 23 झांकियों में से 17 झांकियां विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी जबकि छह विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों की होंगी।
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सभी झांकियों को अलग-अलग थीम पर सजाया गया है।
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झांकी लगभग 5 किमी/घंटा की गति से चलती है ताकि हर व्यक्ति इसे देख सके।
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इन झांकियों में राज्य सहित केंद्र सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों और विकास के सोपानों को दर्शाया जाता।
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झांकियों के माध्यम से देश की जनता यह जान पाती है कि हमारे देश कितनी तरक्की कर रहा है।
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झांकियों के माध्यम से देशवासियों को गर्व महसूस कराने वाले दृश्य दिखाए जाते हैं।
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फिर चाहे वह मंगल पर यान भेजने की बात हो या चंद्र पर यान उतारना की बात हो।
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सेना अपने हथियारों और शक्तियों को प्रदर्शन करके भारत के ताकतवर देश होने को प्रदर्शित करती है।
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राज्य अपने विकास कार्य और अपनी संस्कृति को दर्शाते हैं, जिससे दूसरे राज्य को प्रेरणा मिलती है।
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बहादुर बच्चों को पुरस्कार और स्कूली बच्चों का सांस्कृतिक प्रदर्शन देश के अन्य बच्चों को प्रेरित करता है।