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भारत का 36 साल बाद हॉकी पदक का सपना टूटा

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, सोमवार, 15 अगस्त 2016 (00:55 IST)
रियो डि जेनेरियो। भारतीय पुरुष हॉकी टीम का ओलंपिक में 36 साल के लंबे अंतराल के बाद पदक जीतने का सपना रविवार को रियो ओलंपिक में बेल्जियम के हाथों क्वार्टर फाइनल में 1-3 की हार के साथ टूट गया।
           
भारत ने मुकाबले में अच्छी शुरुआत की और 15वें मिनट में आकाशदीप सिंह के गोल से आधे समय तक 1-0 की बढ़त बना ली लेकिन बेल्जियम ने दूसरे हॉफ में जबरदस्त वापसी करते हुए 17 मिनट के अंतराल में तीन गोल दागकर भारत के सपने को चकनाचूर कर दिया।
        
भारत ने ओलंपिक में आखिरी बार मास्को में 1980 में स्वर्ण पदक जीता था। भारत ने रियो ओलंपिक से पहले लंदन में जिस तरह एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीता था उससे उम्मीद बंधी थी कि भारतीय टीम 36 साल का सूखा रियो में समाप्त कर देगी लेकिन बेल्जियम ने दूसरे हॉफ, खासतौर पर चौथे क्वार्टर में अद्भुत कौशल का प्रदर्शन करते हुए भारत को कोई मौका नहीं दिया।
       
भारतीय टीम ओलंपिक के ग्रुप बी में चौथे स्थान पर रही थी जबकि बेल्जियम की टीम ग्रुप ए में शीर्ष स्थान पर रही थी। तेज गति से खेले गये क्वार्टर फाइनल में भारतीय खिलाड़ी पहले हॉफ में बेहतर दिखाई दिए लेकिन बेल्जियम ने दूसरे हॉफ में भारत से बेहतर खेल दिखाया। 
        
भारतीय खिलाड़ी एक बार फिर अपनी गति को आखिरी 20 मिनट में बरकरार नहीं रख पाए। विश्व रैंकिंग में हालांकि भारत पांचवें और बेल्जियम छठे स्थान पर है लेकिन दोनों टीमों में श्रेष्ठता का अंतर यहां दिखाई दे गया। सेबेस्टियन डोकियर ने 34वें और 45वें मिनट में गोल दागकर बेल्जियम को 2-1 की बढ़त दिलाई जबकि टाम बून ने 50 वें मिनट में बेल्जियम का तीसरा गोल दाग दिया।  
 
इस हार के भारतीय टीम अब पांचवें से आठवें स्थान के लिए खेलेगी। भारत के लिए यही राहत की बात कही जा सकती है कि जहां पिछले लंदन ओलंपिक में उसकी टीम 12वें और आखिरी स्थान पर रही थी वहीं इस बार उसे पांचवें से आठवें स्थान में आने का मौका मिलेगा।
             
भारत के पुरुष हॉकी के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद पूरे देश की निगाहें इस मुकाबले पर लग गई थीं कि कम से कम एक खुशखबरी सुनने को मिलेगी। पहले हॉफ में उम्मीद जगाने के बाद भारतीय टीम धीरे-धीरे उम्मीदें तोड़ती चली गई। जिस अच्छी शुरुआत को जीत में बदला जाना चाहए था, उस शुरुआत को भारतीय खिलाड़ियों ने दूसरे हॉफ में गंवा दिया। 
          
भारत को पहला गोल 15 वें मिनट में मिला जब मनप्रीत सिंह के डिफेंस को चीरने वाले पास को आकाशदीप सिंह ने डिफलेक्ट कर गोल में पहुंचा दिया। भारत ने अपनी इस बढ़त को आधे समय तक बरकरार रखा। बेल्जियम ने भी इस दौरान कुछ मौके बनाए लेकिन कप्तान और गोलकीपर पीआर श्रीजेश गोल के सामने मजबूती से डटे रहे।
         
दूसरा हॉफ शुरु होते ही डोकियर ने डी के अंदर से बेहतरीन शॉट लगाया जो श्रीजेश के पैरों के नीचे से होता हुआ गोल में समा गया। बराबरी का गोल पाने के बाद बेल्जियम ने भारत पर दबाव बनाया और तीसरा क्वार्टर समाप्त होने से पहले डोकियर ने टीम को बढ़त दिलाने वाला गोल दाग दिया। डोकियर के डिफलेक्शन से श्रीजेश एक बार फिर पराजित हो गए। 
         
चौथा क्वार्टर शुरु हो गया और भारतीय टीम अब काफी दबाव में दिखाई दे रही थी। टॉम बून ने 50 वें मिनट में तीसरा गोल कर भारतीय चुनौती समाप्त कर दी। आखिरी 10 मिनट में भारत ने श्रीजेश को बाहर बुला लिया और एक अतिरिक्त खिलाड़ी के साथ खेलने लगे लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ और अंतिम हूटर बजते ही भारतीय खिलाड़ी निराशा से मैदान में बैठ गए। (वार्ता)

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