यूक्रेन पर रूस के हमले को आज कई दिन हो गए हैं, बावजूद इसके यूक्रेन हार मानने को तैयार नहीं है। जाहिर है हमलों की वजह से यूक्रेन तो तबाह हो ही रहा है, लेकिन युद्ध लड़ते हुए रूस की हालत भी दिनों दिन पतली होती जा रही है।
रूस के इकॉनॉमिक फ्रंट की बात करें तो दर्जनों अमेरिकी, यूरोपीय और जापानी कंपनियों ने संयुक्त उद्यमों, कारखानों, दुकानों, कार्यालयों और अन्य संपत्तियों को रूस में छोड़ दिया है। रूस के उपभोक्ता अधिकार संगठन ने उन कंपनियों की एक सूची तैयार की है जिन्होंने रूस छोड़ने का फैसला किया है।
यूक्रेन पर हमले के बाद कई कंपनियां या तो रूस छोड़ चुकी हैं या फिर छोड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। इसके बाद वहां उन कंपनियों के एसेट्स को जब्त किया जा रहा है।
रूस के लिए सबसे चिंता वाली बात तो यह है कि अब उसी के देश से विरोध के स्वर उठ रहे हैं। यहां तक कि हाल ही में रूस के सबसे अमीर बिजनेसमैन ने क्रेमलिन को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह के कदम से देश 100 साल से अधिक पीछे चला जाएगा।
यह जानकारी सीएनएन की एक रिपोर्ट से सामने आई है। रूस के यह सबसे अमीर बिजनेसमैन धातु की दिग्गज कंपनी नोरिल्स्क निकेल (NILSY) के प्रेसिडेंट और इसके सबसे बड़े शेयरधारक व्लादिमीर पोटानिन हैं।
क्या है चेतावनी?
युद्ध को लेकर जो चेतावनी सामने आ रही है, उसमें कहा गया है कि अगर रूस ने पश्चिमी कंपनियों और निवेशकों के लिए दरवाजे बंद कर दिए तो रूस के 1917 की क्रांति के कठिन दिनों में फिर पहुंच जाने का जोखिम है। चेतावनी में रूसी सरकार से संपत्ति की जब्ती के संबंध में सावधानी बरतने का आग्रह किया।
टेलीग्राम पर पोस्ट किया मैसेज
चेतावनी का ये मैसेज नोरिल्स्क निकेल के टेलीग्राम अकाउंट पर पोस्ट किए हैं, इन मैसेज में उन्होंने कहा, 'सबसे पहले, यह हमें सौ साल पीछे 1917 में ले जाएगा और इस तरह के एक कदम का परिणाम हम कई दशकों तक अनुभव करेंगे। दूसरा यह कि रूस में संचालन को निलंबित करने का कई कंपनियों का निर्णय कुछ हद तक भावनात्मक है और विदेशों में जनता की राय से उन पर अभूतपूर्व दबाव के परिणामस्वरूप लिया गया हो सकता है।
पुतिन का 'एक्सटर्नल मैनेजमेंट'
यूक्रेन पर रूस के हमले और प्रतिबंधों के जवाब में दर्जनों अमेरिकी, यूरोपीय और जापानी कंपनियों ने पिछले दो हफ्तों में संयुक्त उद्यमों, कारखानों, दुकानों, कार्यालयों और अन्य संपत्तियों को रूस में छोड़ दिया है। गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन ने भी रूस छोड़ने का फैसला किया है। ये दोनों पहले प्रमुख पश्चिमी बैंक हैं, जिन्होंने ऐसा ऐलान किया है।
रूसी समाचार पत्र इजवेस्टिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के उपभोक्ता अधिकार संगठन ने उन कंपनियों की एक सूची तैयार की है, जिन्होंने रूस छोड़ने का फैसला किया है। इस लिस्ट में 59 कंपनियां शामिल हैं, जैसे कि Volkswagen, Apple, IKEA, Microsoft, IBM, Shell, McDonald's, Porsche, Toyota, H&M आदि। इसे और अधिक ब्रांडों के साथ अपडेट किया जा सकता है।