मारियुपोल। यूक्रेन के मारियुपोल में रूसी हमले से उत्पन्न तबाही का मंजर सड़कों पर पड़ी लाशों से साफ नजर आ रहा है, कई दिन से भूखे लोग अब भोजन की तलाश में दुकानों के ताले तोड़ रहे हैं, प्यास बुझाने के लिए बर्फ पिघलाकर पी रहे हैं।
इस रणनीतिक बंदरगाह शहर में रूसी गोलाबारी की आवाज से कांपते हुए हजारों लोगों ने जान चाने के लिए तहखानों में पनाह ली है।
महिलाओं और बच्चों के बीच तहखाने में तेल के दीपक की रोशनी में रोते हुए गोमा जाना ने कहा, 'मैं क्यों ना रोऊं ? मुझे मेरा घर वापस चाहिए, मेरी नौकरी वापस चाहिए। मैं लोगों और शहर को लेकर दुखी हूं।'
मारियुपोल शहर की आबादी करीब 4,30,000 है और रूसी हमले के बाद उत्पन्न स्थितियों से यहां मानवीय संकट गहराता जा रहा है। यहां फंसे लोगों को अब तक कोई राहत नहीं मिली।
नागरिकों को निकालने और एक निर्दिष्ट सुरक्षित गलियारे के माध्यम से आवश्यक भोजन, पानी और दवा पहुंचाने का प्रयास विफल रहा। यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि काफिले के शहर पहुंचने से पहले ही रूसी सेना ने उस पर गोलीबारी कर दी।
रूस को यूक्रेन पर हमला किए करीब दो सप्ताह का समय बीत चुका है, आज़ोव सागर पर बसा मारियुपोल कई दिनों से रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है। यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरीना वेरेशचुक ने कहा कि मारियुपोल विनाशकारी स्थिति में है। (भाषा)