न्यूयॉर्क, यूक्रेन संकट को लेकर गंभीर चेतावनी देते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि दुनिया की आबादी का पांचवा हिस्सा भुखमरी की कगार पर खड़ा है।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट मानवता के पांचवें हिस्से से अधिक, या 1.7 बिलियन से अधिक लोगों को गरीबी और भूख में डुबो सकता है।
गुटेरेस ने रविवार को प्रकाशित चेक सेजनाम जप्रावी पब्लिकेशन के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "हम सभी यूक्रेन में त्रासदी को देख रहे हैं। लेकिन अपनी सीमाओं से परे, युद्ध ने विकासशील दुनिया पर एक मूक हमला शुरू कर दिया है।
यह संकट 1.7 बिलियन लोगों को यानी मानवता के पांचवें से अधिक हिस्से को ऐसी गरीबी और भूखमरी की ओर ढकेल सकता है, जिसे दशकों में नहीं देखा गया।"
गेहूं और जौ के विश्व उत्पादन का 30 प्रतिशत हिस्सा यूक्रेन और रूस से आता है। सभी मकई का पांचवां हिस्सा और सभी सूरजमुखी तेल के आधे से अधिक भी इन्हीं दो देशों से आता है।
इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए यूएन चीफ गुटेरेस ने कहा कि 45 सबसे कम विकसित देश रूस और यूक्रेन से गेहूं का एक तिहाई से अधिक हिस्सा आयात करते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यूक्रेन संकट अनाज के निर्यात को रोक रहा है और सप्लाई चेन को बाधित कर रहा है, जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं।
2022 की शुरुआत के बाद से, गेहूं और मकई की कीमतों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि गैस और उर्वरक की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गई हैं।
गुटेरेस ने वैश्विक सुधारों का आह्वान किया जिसमें दुनिया की वित्तीय प्रणाली को बदलने की बात कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रणाली "अमीर को अमीर और गरीब को गरीब बनाती है।"
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन संघर्ष इस साल 143 अर्थव्यवस्थाओं के लिए पूर्वानुमानों को कम कर देगा, जो सामूहिक रूप से दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का 86 प्रतिशत बनाते हैं।
आईएमएफ, विश्व बैंक, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के प्रमुखों ने बुधवार को एक संयुक्त बयान जारी कर यूक्रेन संकट के बीच खाद्य सुरक्षा को संबोधित करने के लिए तत्काल, समन्वित कार्रवाई का आह्वान किया।