ल्वीव। यूक्रेन के पश्चिमी शहर ल्वीव पर रूस की ओर से रॉकेट हमले जारी हैं, जो इस बात के संकेत हैं कि रूस देश के केवल पूर्वी हिस्से को निशाना बनाने के अपने दावों के बावजूद देश के अन्य स्थानों पर भी हमला कर रहा है।
लगातार हवाई हमलों ने शहर को दहला दिया है। अभी तक सुरक्षित माने जा रहे इस शहर में आस पास के क्षेत्रों के कम से कम 200,000 लोगों ने शरण ली हुई है।
यूक्रेन पर रूसी हमले शुरू होने के बाद से ल्वीव पर अब तक हमले नहीं हुए थे, पिछले सप्ताह मुख्य हवाई अड्डे के पास विमान सुधार केन्द्र पर एक मिसाइल गिरी थी।
क्षेत्रीय गवर्नर मैक्सिम कोज़ित्स्की ने फेसबुक पर कहा कि पहले हमले में दो रूसी रॉकेट शामिल थे जो ल्वीव के उत्तर पूर्वी इलाके में एक औद्योगिक क्षेत्र मे गिरे और इस घटना में चार लोग घायल हो गए। घटनास्थल से कई घंटे तक काला धुआं उठता रहा। उन्होंने बताया कि दूसरा रॉकेट हमला पहले हमले के कई घंटों बाद शहर के बाहरी इलाके में हुआ और इससे तीन विस्फोट हुए।
कोज़ित्स्की ने कहा कि शनिवार को एक तेल संयंत्र और सेना से जुड़े कारखाने पर हमला किया गया, हालांकि उन्होंने हमले के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी। इन दोनों स्थानों पर लोग रहते हैं।
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को शनिवार को विस्फोट स्थलों में से एक से जासूसी के संदेह में हिरासत में लिया गया था। उसे एक रॉकेट को लक्ष्य की ओर जाते और हमला करने की पूरी घटना को रिकॉर्ड करते गिरफ्तार किया गया है। कोज़ित्स्की ने कहा कि पुलिस को उसके फोन में चौकियों की तस्वीरें भी मिलीं हैं जिन्हें रूस में दो नंबरों पर भेजा गया था।
यूक्रेन को चाहिए इतने हथियार : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल देशों से कम से कम एक फीसदी विमान और टैंक की जरूरत है। जेलेंस्की ने कीव के पश्चिमी सहयोगियों पर यूक्रेन की सहायता में अब भी हिचकिचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कीव को हथियारों की आपूर्ति से इनकार करने और हंगेरियन क्षेत्र के माध्यम से हथियारों के हस्तांतरण की अनुमति नहीं देने के लिए हंगरी की आलोचना की।
पोलैंड में दूतावास बंद करेगा रूस : पोलैंड में रूसी राजदूत सर्गेई एंड्रीव ने शनिवार को सुझाया कि रूस को पोलैंड की राजधानी वारसॉ में अपने दूतावास को अस्थायी रूप से बंद करने के लिए मजबूर किए जाने की संभावना है। उन्होंने सोलोवियोव लाइव शो में बताया कि हो सकता है कि कुछ समय के लिए हमें अपना दूतावास बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। बेशक, पोलैंड को भी मॉस्को में अपने दूतावास बंद करने होंगे। हालांकि, इससे कूटनीतिक स्तर पर संपर्क नहीं टूटेगा।