संयुक्त राष्ट्र। यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख मानवाधिकार निकाय से निलंबित करने की मांग वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में वोटिंग हुई।
इसमें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को बाहर कर दिया गया। भारत सहित 58 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया जबकि 24 देशों ने रूस का साथ दिया।
सात देशों का समूह (जी-7) ने कहा है कि रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर निकालने का यह सही समय है। इन देशों के विदेश मंत्रियों ने ब्रसेल्स में यूक्रेन को लेकर चर्चा की।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व के शीर्ष मानवाधिकार संगठन से रूस को निलंबित करने के लिए बृहस्पतिवार को मतदान किया। यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करने के आरोपों को लेकर यह कार्रवाई की गई। अमेरिका और यूक्रेन ने रूसी सैनिकों के इस कृत्य को युद्ध अपराध करार दिया है।
रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से निलंबित करने के प्रस्ताव के पक्ष में संरा महाससभा में 93 सदस्य देशों ने, जबकि इसके विरोध में 24 सदस्य देशों ने मतदान किया। वहीं, 58 सदस्य देश मतदान से अनुपस्थित रहें।
रूस दूसरा देश है जिसकी यूएनएचआरसी सदस्यता छीन ली गई है। महासभा ने 2011 में लीबिया को परिषद से निलंबित कर दिया था। रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन के बुचा शहर में की गई नागरिकों की हत्याओं की तस्वीरें एवं वीडियो सामने आने के बाद अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने का अभियान शुरू किया था।