लवीव। चेर्नोबिल अपवर्जन क्षेत्र के लिए जिम्मेदार यूक्रेन की सरकारी एजेंसी ने दावा किया कि रूसी सैन्य बलों ने चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में एक नई प्रयोगशाला को नष्ट कर दिया है, जो अन्य चीजों के अलावा रेडियोधर्मी कचरे के प्रबंधन में सुधार करने के लिए काम करती थी। युद्ध की शुरुआत में ही रूसी सेना ने इस बंद पड़े संयंत्र को कब्जे में ले लिया था।
सरकारी एजेंसी ने बताया कि यूरोपीय आयोग के समर्थन से छह अरब यूरो की लागत से बनी प्रयोगशाला में 2015 में काम हुआ था। प्रयोगशाला में अत्यधिक सक्रिय एवं विकिरण समस्थानिक (रेडियो न्यूक्लाइड) के नमूने थे, जो अब दुश्मन के हाथों में हैं। रेडियो न्यूक्लाइड, रासायनिक तत्वों के अस्थिर परमाणु होते हैं, जो विकिरण छोड़ते हैं।
वहीं, यूक्रेन की परमाणु नियामक एजेंसी ने सोमवार को बताया कि संयंत्र के चारों ओर विकिरण मॉनिटर ने काम करना बंद कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 26 अप्रैल 1986 को हुए हादसे को दुनिया की सबसे भयावह परमाणु दुर्घटना माना जाता है। हादसे के बाद पर्यावरण को विकिरण से मुक्त करने और हादसे को बिगड़ने से रोकने के लिए कुल 1.8 करोड़ सोवियत रूबल (वर्तमान 5 खरब भारतीय रुपए खर्च किए गए थे।