Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों ने सुनाई आपबीती, अपनी वापसी को बताया जीवन की नई शुरुआत

हमें फॉलो करें यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों ने सुनाई आपबीती, अपनी वापसी को बताया जीवन की नई शुरुआत
, शनिवार, 12 मार्च 2022 (00:08 IST)
नई दिल्ली। युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से सुरक्षित स्वदेश लौटे मेडिकल के छात्र ध्रुव पंडिता ने अपने भयावह अनुभवों को याद करते हुए कहा कि भारत वापस लौटना उनके लिए एक नए जीवन की शुरुआत जैसा है।

यूक्रेन के सूमी शहर से निकाले गए ध्रुव और अन्य भारतीय छात्रों को पोलैंड के ज़ेजॉ शहर से लेकर भारतीय वायुसेना और इंडिगो के विमान शुक्रवार दोपहर दिल्ली पहुंचे। 'ऑपरेशन गंगा' के तहत पोलैंड से विशेष विमान में लौटे ध्रुव ने हवाई अड्डे पर मौजूद अपनी मां को गले लगा लिया और भावुक हो गए।

ध्रुव ने अपने अनुभवों के बारे में कहा, अब जब मैं भारत वापस आ गया हूं, इसके बावजूद जिस स्थिति से मैं गुजरा हूं, वह मुझे कई दिनों तक परेशान करती रहेगी। युद्ध के दौरान सूमी में जीवन बेहद भयावह था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं जिंदा भारत लौट सकूंगा।

अपनी कहानी सुनाते हुए ध्रुव ने दावा किया कि सूमी में उन्हें कुछ अन्य छात्रों के साथ बंधक बना लिया गया था।ध्रुव पंडिता ने कहा, हम एक बंकर में बंद थे और हमारे पास पीने का पानी और भोजन नहीं था। पीने के पानी के लिए हमें बर्फ पिघलानी पड़ती थी। हमें वहां से जाने नहीं दिया जा रहा था।

सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र ध्रुव ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों के कारण ही वह यूक्रेन के पूर्वोत्तर शहर से सुरक्षित वापस लौट सके हैं। ध्रुव ने कहा, सूमी में हर जगह विस्फोट और गोलाबारी हो रही थी। यह हमारे लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय था। भारत सरकार ने यह संभव बनाया कि हम जिंदा अपने घर लौट सकें। यह मेरे लिए एक नए जीवन की शुरुआत की तरह है।

ध्रुव के पिता संजय पंडिता अपने बेटे को लेने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ हवाई अड्डे पहुंचे थे। बेटे के स्वागत के लिए उन्होंने माला, मिठाई और गुलदस्ते लिए। बेटे ध्रुव को गले लगाने के बाद संजय पंडिता रोने लगे। उन्होंने कहा कि यह उनके बेटे का नया जन्म है।

भारत लौटे कई अन्य छात्र-छात्राओं ने भी इसी तरह के अपने अनुभव साझा किए। केरल के त्रिशूर की रहने वाली विरधा लक्ष्मी अपनी तीन साल की पालतू सफेद बिल्ली के साथ हवाई अड्डे पर पहुंची।

लक्ष्मी ने कहा, मैं बम विस्फोट और गोलाबारी में मरने के लिए अपनी बिल्ली को यूक्रेन में नहीं छोड़ना चाहती थी। पोलैंड की हमारी यात्रा सुरक्षा कारणों से रोक दी गई थी और इसलिए हम दो दिनों में सूमी से पोलैंड पहुंच सके। हमें उम्मीद नहीं थी कि हम बच जाएंगे।

भारतीय वायुसेना का विमान पोलैंड से 213 भारतीयों को लेकर शुक्रवार दोपहर बाद हिंडन पहुंचा। हिंडन पहुंचे बिहार के रहने वाले एक अन्य छात्र मेहताब ने कहा कि उन्होंने युद्ध में 13 दिन काटे और कई दिन बिना बिजली, भोजन और पानी के गुजारे।

मेहताब ने कहा, सभी छात्र हताश और डरे हुए थे। हम सभी इस बारे में सोच रहे थे कि हम कैसे बचकर भारत वापस जाएंगे। गौरतलब है कि रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत युद्धग्रस्त देश में फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी और पोलैंड के रास्ते स्वदेश ला रहा है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां से मिले, साथ खाना खाया और लिया आशीर्वाद