नास्त्रेदमस की एक भविष्यवाणी की चर्चा अक्सर होती है वह यह कि 21वीं सदी में एक महान व्यक्ति का जन्म होगा जो दुनिया को बदल कर रख देगा। सही मायने में वह विश्व शासक होगा और लोग उसकी बातों को मानेंगे। उस शासक या महान व्यक्ति का नाम होगा 'शायरन'।
बहुत से लोग यह मानते हैं कि वह व्यक्ति भारत में जन्म लेगा या ले चुका है, क्योंकि नास्त्रेदमस ने उसके भारत में जन्म लेने के बारे में कहा है। ऐसे में बहुत से लोग या अनुयायी अपने अपने संत के साथ उस भविष्यवाणी को जोड़कर देखते हैं। जब से नरेंद्र मोदी सत्ता में आएं हैं तब से कुछ लोग उन्हें ही वह महान व्यक्ति घोषित करने में लगे हैं। आखिर सच क्या है? आओ इसकी पड़ताल करते हैं।
क्या कहा था नास्त्रेदमस ने?
भविष्यवाणी : 'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रशंसा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।' (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)
विश्लेषण : तीन ओर समुद्र से तो भारत, दक्षिण अफ्रीका, ओमान, फ्रांस, स्पेन, फिनलैंड, रशिया आदि देश घिरे हुए हैं। हालांकि भारत इन सभी में स्पष्ट दिखाई देता है। भारत में ही गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से पवित्र मानते हैं। भारत में गुरुवार का बड़ा महत्व है। बाकी देशों में इतना महत्व नहीं है। इसलिए यह कह सकते हैं कि यह भविष्यवाणी भारत के संदर्भ में ही कही होगी।
भविष्यवाणी : 'पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में छ: लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)
विश्लेषण : यहां एक द्पीप राष्ट्र की बात कही गई है। भारतीय उपमहाद्वीप में कई राष्ट्र हैं उनमें से भारत भी एक द्वीप राष्ट्र ही है। वरण और शरण नाम के लोग एशिया में ही पाए जाते हैं। बाद की पंक्ति शत्रु के उम्माद को समझ से परे हैं। क्योंकि फिलहाल इस तरह की कोई घटना अभी नहीं हुई है।
इसमें पांच नदियों वाले प्रख्यात द्वीप की बात कही गई है। भारत में तो कई नदियां है। कुछ लोग इसे पंजाब से जोड़कर देखते हैं क्योंकि वहां पांच नदियां हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के महासमुंद क्षेत्र में भी पांच नदियां बहती है। मालवा में भी मुख्यत: पांच नदियां बहती है। पंजाब में सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम। मलवा में क्षिप्रा, कालिसिंध, सिंधु, नर्मदा और चंबल। छत्तीसगढ़ में महानदी, जोंक, सोंढुर, गंगा और शिवनाथ। हालांकि देश में ऐसे भी कई स्थान हैं जहां से पांच नदियां एक साथ निकलती हैं। इसलिए यह कहना की वह पंजाब से ही होगा सही नहीं है।
भविष्यवाणी : 'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)
विश्लेषण : यहां नास्त्रेदमस नाम को स्पष्ट करते हैं। वरण या शरण नाम तो भारत में होते हैं लेकिन शयरन सुनने में कभी नहीं आया। नास्त्रेदमस ने अंग्रेजी में इसे cheyren लिखा है। अब यह विरोधाभाष पैदा करना वाला भी है। हालांकि उक्त भविष्यवाणी से लगता है कि उस 'महापुरुष' का नाम 'श' जैसे उच्चारण से शुरू होगा।
भविष्यवाणी : महान 'शायरन' के दौर में हिन्दू धर्म की ताकत बढ़ने का जिक्र है। 'सागरों के नाम वाला धर्म चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे, 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)
विश्लेषण : चांद पर आधारित धर्म एक ही है इस्लाम और दुनिया में जितने भी सागर हैं उनमें से सिर्फ हिंद महासागर के नाम पर ही एक धर्म है जिसे हिंदू धर्म कहते हैं। आगे के वाक्य की व्याख्या करना कठिन है। लेकिन नास्त्रेदमस ने अपनी और भी भविष्यवाणियों में हिंदू धर्म के उत्थान की बात कही गई है।
भविष्यवाणी : 'एशिया का महान व्यक्ति समुद्र और जमीन पर विशाल सेना लेकर नीले, हरे और सलीबों को वह मौत के घाट उतार देगा।' (सैंचुरी-6-80)। इसी सैंचुरी का 24 और 25वां छंद भी भयानक युद्ध का वर्णन करता है।
विश्लेषण : यहां पर सलीब अर्थात ईसाई, हरे मतलब मुस्लिम और नीले का मतलब बौद्ध से निकाला जा सकता है, लेकिन यह अस्पष्ट है। हालांकि जानकार यह कहते हैं कि उसके रास्ते में जो भी आएगा उसे वह मौत के घाट उतार देगा।
भविष्यवाणी : 'एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।' (x-75)।
विश्लेषण : यहां उसे विद्वान शांतिदूत भी कहा गया है जो एशिया से होगा और जो सभी राष्ट्रों पर हावी होगा। मतलब यह कि सभी राष्ट्र उसकी बात मानेंगे।
भविष्यवाणी : इस दौरान 'एलस' नाम से एक और व्यक्ति होगा जिसकी बर्बरता के बारे में लिखा गया है। 'उसका हाथ अंतत: खूनी एलस (ALUS) तक पहुंच जाएगा। समुद्री रास्ते से भागने में भी नाकाम रहेगा। दो नदियों के बीच सेना उसे घेर लेगी। उसके किए की सजा क्रुद्ध काला उसे देगा।'- (6-33)
विश्लेषण : हालांकि 'एलस' नाम बड़ा ही अजीब है। वर्तमान में इस नाम का कोई भी व्यक्ति या राजनेता विश्वपटल पर देखने पर नजर नहीं आता है। उसे क्रूध काला सजा देगा। इस भविष्यवाणी को कुछ लोग ओसाम और बराक ओबामा से जोड़कर भी देखते हैं।
भविष्यवाणी : 'पैगंबर के कुल नाम के अंतिम अक्षर से पहले के नाम वाले, सोमवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। अपनी सनक में वह अनुचित कार्य भी करेगा। जनता को करों से आजाद कराएगा।' (1-28)....
विश्लेषण : पैगंबर तो एक ही हैं मुहम्मद। उनके कुल का नाम हाशमी था। हाशमी के अंतिम अक्षर के पहले 'श', यानी जिस नेता के प्रादुर्भाव की बात कही जा रही है उसका नाम 'श' से शुरू होना चाहिए। यदि हम कुल का नाम न मानें तो मुहम्मद के अंतिम अक्षर के नाम के पहले 'म' आता है।
अंत: यह कि नस्त्रेदम से अपनी किसी एक भविष्यवाणी में यह भी कहा था कि महान शायरन न तो यहूदी होगा, न ईसाई या मुस्लिम वह किसी अन्य धर्म का होगा। हो सकता है कि वह हिन्दू हो, बौद्ध हो, सिख हो या जैन। अब उपरोक्त भविष्यवाणी को लेकर लोग अपने अपने अर्थ निकालते हैं लेकिन यहां यह जरूर कहना होगा कि शायरन नाम का व्यक्ति भी दूर तक कहीं भी नजर नहीं आता है और भारत में इस तरह के नाम नहीं रखे जाते हैं। हां इससे मिलते जुलते नाम का व्यक्ति जरूर हो सकता है।