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Himalaya Day कब है, जानिए हिमालय के बारे में 25 दिलचस्प जानकारियां

हमें फॉलो करें Himalaya Day कब है, जानिए हिमालय के बारे में 25 दिलचस्प जानकारियां
, गुरुवार, 8 सितम्बर 2022 (17:34 IST)
भारत के उत्तराखंड में 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनाया जाता है। प्रदेश में हिमालय दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई थी। हिमालय दिवस मानने का उद्देश्य हिमालय के संवरक्षण के साथ ही यहां की संस्कृति और इतिहास को दर्शाना भी है। स बार मुख्य कार्यक्रम नौ सिंतबर को ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में होगा। जिसमें सभी हिमालयीन राज्य सहित बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।
 
1. भारत की आत्मा : हिन्दूकुश पर्वत मारा काराकोरम से लेकर अरुणाचल की वादियों तक हिमालय का विस्तार है। यह संपूर्ण क्षेत्र भरतखंड के अंतर्गत आता है। हिमालय को भारत की आत्मा कहा जाता है जिसका विभाजन नहीं किया जा सकता।
 
2. एक्सिस मुंडी : हिमालय धरती के मध्य भाग में स्थित है। यहां का कैलाश पर्वत तो चमत्कारों की खान है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है। हजारों किलोमीटर क्षेत्र में फैला हिमालय चमत्कारों की खान है।
 
3. मैग्नेटिक हिल : हिमालय में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें मैग्नेटिक हिल कहते हैं। मैग्नेटिक हिल पर गाड़ियां अपने आप ही पहाड़ चढ़ने लगती है।
 
4. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद : यहां कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां जाने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अचानक काम करना बंद कर देते हैं। घड़ियों का समय अचानक ही बदल जाता है।
 
5. विश्व के सबसे ऊंचे पहाड़ : हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमालय, एवरेस्ट, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रोलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, के 2, लहोत्से, मकालू, चो ओयू, नागा, नैनादेवी, धौलागिरी और कंचनजंघा हैं।
 
6. सबसे बेहतर वातावरण : हिमालय की वादियों में रहने वालों को कभी दमा, टीबी, गठिया, संधिवात, कुष्ठ, चर्मरोग, आमवात, अस्थिरोग और नेत्र रोग जैसी बीमारी नहीं होती।
 
7. विश्व की अधिकतर नदियों का उद्गम स्थल : सिंधु, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज बड़ी नदियां हैं जो हिमालय से ही निकलती है। इन्हीं की सैंकड़ों सहायक नदियां हैं। जैसे सरस्वती, चंद्रभागा, (चिनाब), यमुना, शुतुद्री (सतलुज), वितस्ता (झेलम), इरावती (रावी), कुहू (काबुल), गोमती, धूतपापा (शारदा), बाहुदा (राप्ती), दृषद्वती (चितंग), विपाशा (बियास), देविका (दीग), सरयू (घाघरा), रंक्षू (रामगंगा), गंडकी (गंडक), कौशिकी (कोसी), त्रित्या और लोहित्या (ब्रह्मपुत्र)।
 
8. प्राकृतिक झीलें : हिमालय में विश्व की सबसे सुंदर और अद्भुत झीलें हैं। कहते हैं कि हिमालय में 4,699 झीलें पाई जाती हैं। सूरज ताल, नैनीताल, लाहौल स्पीती, चंद्रताल, मानसरोवर, पैंगोंग त्सो, दशीर, ब्रिघू झील, महाकाली झील, चंदर नौन लेक्स, त्सो ल्हामो झील, चोलमू झील, नागिन झील, मनसर झील, रेणुका झील, रिवालसर झील, सातताल झील, त्सोंगमो या चांगू झील, सुमेन्दु झील, सेला झील आदि।
 
9. देव स्थान : मुण्डकोपनिषद् के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माओं का एक संघ है। इनका केंद्र हिमालय की वादियों में उत्तराखंड में स्थित है। इसे देवात्मा हिमालय कहा जाता है। इन दुर्गम क्षेत्रों में स्थूल-शरीरधारी व्यक्ति सामान्यतया नहीं पहुंच पाते हैं।
 
10. मानव की उत्पत्ति हिमालय क्षेत्र में हुई : पुराणों के अनुसार विवस्ता नदी के किनारे मानव की उत्पत्ति हुई थी। प्रसिद्ध समाज विज्ञानी कालचेंटर के अनुसार मनुष्य प्राकृतिक रूप से फल और अनाज पर निर्भर करता है अतः हिमालय का क्षेत्र ही मानव की स्वाभाविक जन्मस्थली है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है यहां जीवाश्म का पाया जाना, जो विश्व में अन्य जगहों पर पाए गए दूसरे सभी जीवाश्मों की अपेक्षा कहीं ज्यादा पुराना है। विज्ञानियों एवं इतिहासवेत्ताओं के अनुसार हिमालय पर फल, अन्न और शाक आदि सभी खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। स्वभावतः मानव का मूल आहार यही है।  
 
11. हिमालय के कुछ तीर्थ स्थान : कैलाश, मानसरोवर, अमरनाथ, कौसरनाग, वैष्णोदेवी, पशुपतिनाथ, हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देवप्रयाग,  हेमकुण्ड, ऋषिकेश, गंगोत्री, यमुनोत्री आदि सैंकड़ों तीर्थ स्थान है। केदारखंड में अलकापुरी तपोवन, गोमुख, ब्रह्मपुरी, नंदनवन, गन्धमादन, वासुकीताल, वसुधारा आदि दर्शनीय देवस्थल हैं।
 
12. सिद्धाश्रम, मठ और गुफाओं का रहस्य : हिमालय में जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफाएं हैं। मान्यता है कि गुफाओं में आज भी कई ऐसे तपस्वी हैं, जो हजारों वर्षों से तपस्या कर रहे हैं। इस संबंध में हिन्दुओं के दसनामी अखाड़े, नाथ संप्रदाय के सिद्धि योगियों के इतिहास का अध्ययन किया जा सकता है। उनके इतिहास में आज भी यह दर्ज है कि हिमालय में कौन-सा मठ कहां पर है और कितनी गुफाओं में कितने संत विराजमान हैं।
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13. जड़ी-बूटियों का भंडार : हनुमानजी हिमालय के एक क्षेत्र से ही संजीवनी का पर्वत उखाड़कर ले गए थे। हिमालय ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां दुनियाभर की जड़ी-बूटियों का भंडार है। हिमालय की वनसंपदा अतुलनीय है। हिमालय में लाखों जड़ी-बूटियां हैं जिससे व्यक्ति के हर तरह के रोग को दूर किया जा सकता है। 
 
14. चमत्कारिक जड़ी-बूटियां : हिमालय में ऐसी भी कई चमत्कारिक जड़ी-बूटियां हैं जिनका वर्णन अथर्ववेद, आयुर्वेद और जड़ी-बूटियों के ग्रंथों में मिलता है। सोमवल्ली, संजीवनी बूटी, अरुंधती, ब्रह्मकमल जैसी वनस्पतियां हिमालय के एक विशेष क्षेत्र में पाई जाती हैं। कहते हैं कि सैंकड़ों वर्ष तक जिंदा रहने का राज हिमालय में ही छिपा हुआ है।
 
15. येति : मान्यता है कि येति का निवास हिमालय में ही है। येति या यति एक विशालकाय हिम मानव है जिसे देखे जाने की घटना का जिक्र हिमालय के स्थानीय निवासी करते आए हैं। येति आज भी एक रहस्य है। कोई इसे भूरा भालू कहता है, कोई जंगली मानव तो कोई हिम मानव। कुछ वैज्ञानिक इसे निंडरथल मानव मानते हैं। यह आमतौर पर तिब्बत के हिमालय वाले क्षेत्र में पाया जाता है। विश्वभर में करीब 30 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हिमालय के बर्फीले इलाकों में हिममानव मौजूद हैं।
 
16. कस्तूरी मृग : हिमालय में ऐसे कई जीव-जंतु हैं, जो बहुत ही दुर्लभ है। उनमें से एक दुनिया का सबसे दुर्लभ मृग है कस्तूरी मृग। यह हिरण उत्तर पाकिस्तान, उत्तर भारत, चीन, तिब्बत, साइबेरिया, मंगोलिया में ही पाया जाता है। इस मृग की कस्तूरी बहुत ही सुगंधित और औषधीय गुणों से युक्त होती है। कस्तूरी मृग की कस्तूरी दुनिया में सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक है। यह कस्तूरी उसके शरीर के पिछले हिस्से की ग्रंथि में एक पदार्थ के रूप में होती है।
 
17. एलियंस रहते हैं हिमालय में?: विश्वभर के वैज्ञानिक मानते हैं कि धरती पर कुछ जगहों पर छुपकर रहते हैं दूसरे ग्रह के लोग। उन जगहों में से एक हिमालय है। भारतीय सेना और वैज्ञानिक इस बात को स्वीकार नहीं करते लेकिन वे अस्विकार भी नहीं करते हैं। भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की यूनिटों ने सन् 2010 में जम्मू और कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में उडऩे वाली अनजान वस्तुओं (यूएफओ) के देखे जाने की खबर दी थी। लेकिन बाद में इस खबर को दबा दिया गया।
 
18. भारतीय हिमालय के 4 भाग : जम्मू-कश्मीर हिमालय (सिन्धु नदी से सतलुज नदी के बीच का भाग), गढ़वाल-कुमाऊं हिमालय (सतलुज से काली नदी (सरयू) के बीच का भाग), नेपाल हिमालय (सरयू नदी से तीस्ता नदी के बीच का भाग), असम-अरुणाचल हिमालय (तीस्ता नदी से ब्रह्मपुत्र नदी के मोड़ तक का भाग)
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19. हिमालय के पर्वत : पौराणिक मान्यता के अनुसार हिमालय के बीचोबीच सुमेरू पर्वत है। सुमेरू के दक्षिण में हिमवान, हेमकूट तथा निषध नामक पर्वत हैं, जो अलग-अलग देश की भूमि का प्रतिनिधित्व करते हैं। सुमेरू के उत्तर में नील, श्वेत और श्रृंगी पर्वत हैं, वे भी भिन्न-भिन्न देश में स्थित हैं। इस सुमेरू पर्वत को प्रमुख रूप से बहुत दूर तक फैले 4 पर्वतों ने घेर रखा है। 1. पूर्व में मंदराचल, 2. दक्षिण में गंधमादन, 3. पश्चिम में विपुल और 4. उत्तर में सुपार्श्व। इन पर्वतों की सीमा इलावृत के बाहर तक है।
 
20. हिमालय के ग्लेशियर : हिमालयी ग्लेशियरों को लेकर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने एक अध्ययन कराया था। इस अध्ययन ने साफतौर पर चेतावनी दी थी कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय क्षेत्र की 15,000 हिमनद (ग्लेशियर) और 9,000 हिमताल (ग्लेशियर लेक) में आधे वर्ष 2050 और अधिकतर वर्ष 2100 तक समाप्त हो जाएंगे। 
 
21. नारिलता : नारीलता नामक पौधे भारत में हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है। इसका फूल 20 साल में एक बार खिलता है। यह फूल एक निर्वस्त्र स्त्री के आकार का होता है। यह एक बहुत ही आश्चर्यजनक और दुर्लभ घटना है। इसी तरह एक फूल हनुमानजी के मुख के समान होता है। हिमालय में ऐसे कई पेड़-पौधे हैं, जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच जाते हैं।
 
22. ब्रह्मकमल : ब्रह्म कमल, नील कमल, कृष्ण कमल और अन्य कई तरह के दुर्लभ कमल के फूल हिमालय में ही पाए जाते हैं। 
 
23. देवदार के वृक्ष : हिमालय में उबसे ऊंचे पेड़ पाए जाते हैं। चीड़, पाइन और देवदार महत्वपूर्ण शंकुधारी पेड़ हैं जो इन जंगलों में पाए जाते हैं।
 
24. जंगल : हिमालय के जंगल भी अद्भुत हैं। उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, जम्मू कश्मीर का दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान, हिमाचल का रोहिला राष्ट्रीय उद्यान, किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल के जंगल आदि। यहां ओक के जंगल, देवदार के जंगल आदि कई वृक्षों के जंगल पाए जाते हैं। इन जंगलों में हिम तेंदुए, हिमालयी थार,हिमालयी याक आदि जैसे जीव जंतु इस क्षेत्र में पाए जाते हैं। 
 
25. पर्यटन स्थल हिल स्टेशन : 'हिम' मतलब बर्फ़ और 'आलय' मतलब निवास स्थल, मतलब बर्फ़ का घर, क्यूंकि हिमालय पर्वत की लगभग सारी चोटियां हमेशा बर्फ से ढकी होती हैं। श्रीनगर, लद्दाख, उत्तरकाशी, ऊखीमठ, त्रिजुगीनाराण, जोशीमठ, टिहरी, पौड़ी, फूलों की घाटी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, रानीखेत, नैनीताल, मनुस्यारी, वागेस्यारी, वागेश्वर, शिमला, मनाली, जागेश्वर, धारचूला, पिथौरागढ़, लोहाघाट, चम्पावत, देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार आदि स्थान हैं। 

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