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नमक को लेकर रखें ये 6 सावधानियां, नहीं तो खड़ा होगा घोर संकट

हमें फॉलो करें नमक को लेकर रखें ये 6 सावधानियां, नहीं तो खड़ा होगा घोर संकट
नमक को लेकर कुछ लोग सावधानी रखते हैं और कुछ नहीं। जिन लोगों को यह नहीं मालूम है कि आखिर नमक से हमारी जिंदगी में घोर संकट कैसे आ सकता है तो यह जानकारी उन्हीं लोगों के लिए है।
नमक का जीवन में बहुत उपयोग है। दाल या सब्जी में नमक ज्यादा हो जाए तो नुकसान और कम हो तो भी नुकसान। नमक हमारी आयु बढ़ाता भी है और नमक ही आयु घटाता भी है। नमक का उपयोग करना बहुत कम लोग जानते हैं। नमक कई प्रकार के होते हैं:- सेंधा नमक (पहाड़ी नमक), समुद्री नमक, काला नमक, सामान्य नमक आदि।
 
घर में नमक ही नहीं अन्य ऐसे कई खाद्य पदार्थ है जिनके प्रयोग और जिनकी सावधानी के संबंध में गृहणियां कम ही जानती होगी। उदाहरणार्थ यह कि कुछ महिलाएं राईं और जीरा का एक साथ प्रयोग करती है। राईं की तासीर गर्म होती है और जीरे की ठंडी ऐसे में इसका स्वास्थ्य पर प्रति‍कूल असर पड़ता रहता है जिसका हमें अहसान कम ही होता है। आओ जानते हैं कि आखिर नमक को लेकर कौन-कौन-सी सावधानियां रखनी चाहिए जिससे हम संकटों से बच कर रह सकते। यहां मामला सिर्फ स्वास्‍थ्य से जुड़ा हुआ नहीं है। 
 
अगले पन्ने पर पहली सावधानी...

नमक को जमीन पर न गिराएं : भारत में ऐसी मान्यता है कि नमक को भूमि पर नहीं गिरना चाहिए। भारत में इसका गिरना अशुभ माना गया है। मान्यता है कि नमक को गिराने से चंद्रमा और शुक्र दोनों कमजोर हो जाते हैं।
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* इसके अलावा भोजन पकाते समय भोजन को चखे नहीं। उससे भोजन की पवित्रता नष्ट होती है और दरिद्रता आती है। नमक कम हो जाएगा तो बाद में डाल दिया जाएगा। भगवान को भोजन नैवेद्य लगाने के बाद ही भोजन को चखे।
 
* नमक को सीधे-सीधे किसी व्यक्ति के हाथ में मत दीजिए। नमक का पैकेट भी देने से बचना चाहिए। ऐसा मानते हैं कि इससे व्यक्ति के संबंध खराब होते हैं।
 
अगले पन्ने पर दूसरी सावधानी...

यदि रहना है सुखी तो : ज्योतिष और परंपरा से यह जाना गया है कि यदि आपको कोई व्यक्ति पसंद नहीं है तो उसका नमक न खाएं। किसी पापी पुरुष के यहां का नमक तो कदापी न खाएं अन्यथा आपका जीवन भी उसी के सामन होने लगेगा। हर कहीं का नमक या नमकीन न खाएं इस बात का भी हमेशा ध्यान रखें।
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मजबूरी में या दबाव में किसी का नमक मत खाइये इससे आपका बड़ा नुकसान हो सकता है। नमक उसी का खाइये जिसके संस्कार अच्छे हों और जो धर्म सम्मत आचरण करता हो। नमक के संबंध में इस तरह की धारणा हमें परंपरा से प्राप्त होती है। हालांकि मनोवैज्ञानिक तौर पर देखें तो आप यदि किसी ऐसे व्यक्ति का नमक या अन्य कुछ खा लेते हैं जोकि आपको पसंद नहीं है तो आप मन में ग्लानी महसूस करेंगे। नमक तो हमारे शरीर पर ज्यादा प्रभाव डालता है।
 
अगले पन्ने पर तीसरी सावधानी...
 

कुंडली में चंद्र और मंगल कमजोर है तो : मान्यता अनुसार अगर कुंडली में चंद्र कमजोर है तो समुद्री या सामान्य नमक का भोजन में इस्तेमाल न करें बल्कि सेंधा नमक का इस्तेमाल करें। इससे आप रक्तचाप की समस्या से बचे रहेंगे। लेकिन अगर कुंडली में मंगल कमजोर है तो भोजन में समुद्री नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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इसके अलावा यदि कुंडली में सप्तम भाव में सूर्य है तो ऊपर से नमक डालकर खाना घातक सिद्ध हो सकता है। एक बार किसी योग्य लाल किताब के विशेषज्ञ या ज्योतिष को अपनी कुंडली जरूर दिखाएं और उससे नमक की सलाह लें।
 
अगले पन्ने पर चौथी सावधानी...
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किस पात्र में रखे नमक : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नमक को चंद्र और शुक्र का प्रतिनिधि माना जाता है। नमक को यदि आप किसी स्टील या लोहे के बर्तन में रखते हैं तो यह चंद्र और शनि का मिलन होगा जोकि बहुत ही घातक सिद्ध होता है। यह रोग और शोक का कारण बन जाता है। नमक को किसी प्लास्टिक के पात्र में भी नहीं रखना चाहिए। नमक को सिर्फ कांच के पात्र में रखने से ही यह बुरा असर नहीं देता है।
 
अगले पन्ने पर पांचवीं सावधानी...
 
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कौन सा नमक खाएं : रोज खाने वाले नमक में सोडियम और पोटेशियम होता है। सोडियम ब्लड प्रेशर बढ़ाता है तो पोटेशियम उसे कम करता है। इसके अलवा इसमें कुछ रसायन भी होते हैं। दरअसल, बाजार में दो प्रकार के नमक मिलते हैं- एक रिफाइंड, आयोडीन सफेद नमक और दूसरा दूसरा क्रिस्टल और पाउडर रूप में सेंधा और काला नमक। आयुवेदिक विद्वान मानते हैं कि सफेद नमक में सोडियम और अन्य केमिकल अत्यधिक मात्रा में होता है जोकि स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
 
जबकि सेंधा नमक में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैगनिशियम, कॉपर जैसे लगभग 94 तरह के खनिज तत्व पाए जाते हैं। सेंधा नमक सबसे अच्छा माना गया है। सामान्यतः प्रयुक्त हल्के गुलाबी रंग वाले सेंधा नमक को हिमालयन नमक भी कहा जाता है। यह त्रिदोषों से उपजे रोग को कंट्रोल करता है। यह नमक हृदय और पेट के लिए भी अच्‍छा माना गया है। यह कई तरह की बीमारियों से बचाता है। जैसे ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग, आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, डिप्रेशन, स्ट्रेस आदि। पाचन में सहायता इस नमक के इस्तेमाल से मांसपेशियों के खिंचाव और जकड़न में भी राहत मिलती है।
 
इसी तरह काला नमक लौह तत्व से भरपूर होता है का होता है। ठंडी और रेचक प्रकृति के इस नमक से कब्ज, पाचन समस्या, गैस, सीने की जलन, गोइटर, हिस्टीरिया, मंद दृष्टि, हाई ब्लड प्रेशर, रक्त की कमी और अन्य कई बिमारियों के इलाज में लाभ मिलता है। 
 
अगले पन्ने पर छठी सावधानी...

नमक खाएं सोच-समझकर : बहुत से लोगों की आदत है कि वे दाल या सब्जी में उपर से नमक तब भी डालते हैं जबकि पहले से ही पर्याप्त नमक डला हो। ऐसे में धीरे धीरे उनकी ज्यादा नमक खाने की आदत हो जाती है और अंतत: ऐसे लोगों को ब्लड प्रेशर घबराहट की शिकायत तो होती ही है साथ ही उनका स्वभाव चिढ़चिढ़ा भी हो जाता है।
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एक शोधानुसार यह पता चला है कि जो लोग जरूरत से ज्यादा नमक खाते हैं उनकी समयपूर्व ही मृत्यु हो जाती है।  यह शोध अमेरिकी सरकार के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा किया गया। शोध में कहा गया है कि फास्ट फूड और डिब्बाबंद खाना-खाने के कारण लोग पहले की तुलना में दोगुना नमक खा रहे हैं।

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