Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बाघ की गुफाओं की 5 खास बातें

हमें फॉलो करें बाघ की गुफाओं की 5 खास बातें

अनिरुद्ध जोशी

हिन्दुस्तान के बाहर बलोचिस्तान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, बर्मा, इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और श्रीलंका में हिन्दू और बौद्ध धर्म से जुड़ी हजारों गुफाएं आज भी मौजूद है। हिन्दुस्तान में भी हजारों गुफाएं हैं। इन गुफाओं में कुछ तो प्राकृतिक है और कुछ मानव द्वारा निर्मित है। भारतीय उपमहाद्वीप की इन गुफाओं में प्राचीन काल के ऋषि मुनि ध्यान, तप या साधना किया करते थे। उन्हीं में से एक है बाघ की गुफाएं। आओ जानते हैं इसके संबंध में 5 खास बातें।
 
 
बाघ की गुफाएं (मध्यप्रदेश, जिला धार)
 
1. मध्यप्रदेश के प्राचीन स्थल धार जिले में बाघिनी नामक छोटी-सी नदी के बाएं तट पर और विंध्य पर्वत के दक्षिण ढलान पर स्थित बाघ की गुफाएं इंदौर शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर ही है। विंध्य पर्वत का यह अंश मालवा क्षेत्र में धार जिले की कुक्षी तहसील के अंतर्गत है।
 
2. इन गुफाओं का निर्माण भगवान बुद्ध की प्रतिदिन होने वाली दिव्यवार्ता को प्रतिपादित करने हेतु निर्मित और चित्रित किया गया था। 
 
3. इसमें कुल 9 गुफाएं हैं जिनमें से 1, 7, 8 और 9वीं गुफा नष्टप्राय है तथा गुफा संख्या 2 'पाण्डव गुफा' के नाम से प्रचलित है जबकि तीसरी गुफा 'हाथीखाना' और चौथी 'रंगमहल' के नाम से जानी जाती है। 
 
4. इन गुफा का निर्माण संभवतः 5वी-6वीं शताब्दी ई. में शिलाओं को काटकर निर्मित किया होगा। यह गुफा, भित्ति चित्रों के लिए खासी प्रसिद्ध है, धार की गुफा पूरे भारत में चट्टान में की गई खुदाई का सबसे बड़ा उदाहरण है जिसे वास्‍तुकला का अद्भूत नमूना माना जाता है। इन गुफाओं के भित्तिचित्र अजंता गुफाओं के समकालीन हैं।
 
5. माहिष्मती अर्थात महेश्वर के महाराज सुबंधु द्वारा अभिलेखित 416-17 ईस्वी के एक ताम्र पात्र में इस बौद्ध विहार को दिए गए अनुदान का उल्लेख किया गया है। उस अभिलेख में इस विहार को कल्याण विहार कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि बौद्ध भिक्षु दातक ने बाघ गुफाओं की रचना की थी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Seventeenth Roza : आखिरत की फ़िक्र और अल्लाह का जिक्र है 17वां रोजा