Maharana Pratap: तुर्क बादशाह अकबर ने महाराणा प्रताप को हर तरह से झुकाने का प्रयास किया परंतु वह ऐसा करने में सफल नहीं हो पाया। महाराणा प्रताप ने 20 साल जंगल में रहकर नए सिरे से अपनी फौज तैयार की और अकबर से युद्ध करके मेवाड़ का 85 प्रतिशत हिस्सा पुन: हासिल कर लिया था। 12 सालों के लंबे संघर्ष के बाद अकबर ने हार मान ली थी।
- सन् 1576 के हल्दीघाटी युद्ध में करीब बीस हजार राजपूतों को साथ लेकर महाराणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के अस्सी हजार की सेना का सामना किया। शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को शक्ति सिंह ने बचाया। यह युद्ध केवल एक दिन चला परंतु इसमें सत्रह हजार लोग मारे गए।
- 18 जून, 1576 को आमेर के राजा मानसिंह और आसफ खां के नेतृत्व में मुगल सेना और महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ। माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर की जीत हो सकी और न ही महाराणा प्रताप की हार हो सकी। मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने भी सभी प्रयास किए। महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने कई वर्षों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया।
- बाद में महाराणा की सेना ने मुगल चौकियों पर आक्रमण शुरू कर उदयपुर समेत 36 बेहद अहम ठिकानों को अपने अधिकार में ले लिया। यानी उन्होंने अकबर की सेना को 36 बार से ज्यादा बार मात दी थी। महाराणा प्रताप तुक के मुगल सम्राट अकबर से कभी भी हारे नहीं था। अधिकतर मौकों पर युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकला था। महाराणा प्रताप के विरुद्ध हल्दीघाटी में पराजित होने के बाद स्वयं अकबर ने जून से दिसम्बर 1576 तक 3 बार विशाल सेना के साथ महाराणा पर आक्रमण किए, परंतु महाराणा को वे खोज नहीं पाए।