शास्त्र अनुसार इस आश्रम में मनुष्य को ब्रह्यचारी रहना, परमार्थ साधना में रत, देश और समाज के कल्याण के लिए अथक परिश्रम करना आदि का आदेश किया गया है। साथ ही उसको मनुष्य जीवन में नवीन उत्साह, स्वास्थ्य, उच्च भावनाएँ, शक्ति आदि को बनाए रखना चाहिए।- Anirudh joshi 'Shatayu'