ब्रह्म मुहूर्त : ब्रह्म मुहूर्त में जागरण से मनुष्य की दिनचर्या नियमित होती है और वह अभिवादन, नित्यकर्म, मांगलिक वस्तुओं का दर्शन, व्यायाम, स्नान, जप, भोजन व विश्रामादि के लिए उचित समय प्राप्त कर लेता है। सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पूर्व का समय ब्रांह्मामुहूर्त कहलाता है।