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शनि जयंती के शुभ मुहूर्त : 20 सरल उपाय शनिदेव को करेंगे प्रसन्न, सुख-शांति के लिए कोई एक आजमाएं

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शनि जयंती (Shani Jyanati) शनि देव की कृपा पाने का सबसे खास दिन है। अगर आप चाहते हैं कि शनि की असीम कृपा आप पर बनी रहे तो शनि जयंती के दिन ये 20 सरल उपाय (Shani Jyanati ke Upay) आजमाएं और शनि देव से सुख-शांति का वरदान पाएं...।

यहां पढ़ें शनि जयंती के मुहूर्त और खास उपाय- 
 
शनि जयंती 2022 के शुभ मुहूर्त-Shani Jyanati 2022 Muhurat
 
Shani Jayanti 2022: इस बार ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि का प्रारंभ 29 मई 2022, रविवार को दोपहर 2.54 मिनट से हो रहा है और सोमवार के दिन 30 मई 2022 को शाम 4.59 मिनट पर अमावस्या समाप्त होगी। अत: शनि जयंती सोमवार को मनाई जाएगी। 
 
1. शनि देव को उड़द की दाल की बूंदी के लड्डू बहुत प्रिय है अत: इस दिन लड्डू का भोग लगाकर बांटना चाहिए।
 
2. शनि को दरिद्रों के नारायण भी कहते हैं इसलिए शनि जयंती पर दरिद्रों की सेवा से भी शनि प्रसन्न होते हैं।
 
3. शनि जयंती पर असाध्य रोगों से ग्रस्त व्यक्ति को काला छाता, चमडे के जूते चप्पल पहनाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।

 
4. शनि जयंती (Shani Jyanati 2022) पर घर के तथा अन्य वृद्धों का सम्मान करें, क्योंकि शनि देव को वृद्धावस्था का स्वामी कहा गया है, जिस घर में माता पिता व वृद्धजनों का सम्मान होता है उस घर से शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं तथा जिस घर में वृद्ध का अपमान होता है उस घर से खुशहाली दूर भागती है। 
 
5. शनिवार को तेल की मालिश करके नहाना चाहिए, लेकिन शनि जयंती के दिन तेल की मालिश नहीं करें, बल्कि तेल का दान अवश्य करें।

 
6. इस दिन लोहे की कोई वस्तु शनि मंदिर दान करनी चाहिए। वह वस्तु ऐसी हो जो मंदिर के किसी काम आ सके।
 
7. शनि जयंती पर शनि मंदिर में बैठकर 'ॐ एं श्री श्री शनैश्चराय' का जाप करना चाहिए।
 
8. शनि दोष के कारण उत्पन्न हो रही समस्याओं के लिए शनि जयंती के रोज भगवान भोलेनाथ व हनुमान जी की पूजा एक साथ करनी चाहिए। 
 
9. शनि जयंती पर शनि संबंधी कथा, शनि चालीसा, शिव चालीसा, बजरंगबाण, हनुमान बाहुक व हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

 
10. इस दिन शनि मंदिर से शनि रक्षा कवच या काला धागा हाथ में बांधने के लिए अवश्य लें।
 
11. शनि को मनाने के लिए शनि जयंती व्रत बहुत फलदायी है। यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की असीम कृपा होती है। 
 
12. शनि जयंती के अवसर पर भगवान शिव का भस्म व तिलाभिषेक करना लाभदायी रहता है। 
 
13. इस दिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ कम से कम 11 बार अवश्य करना चाहिए। इससे जीवन की परेशानियां और शनि के अशुभ प्रभाव से मिलने वाले बुरे फलों में कमी आती है। 
 
14. इसके अलावा इस दिन शनि चालीसा, शनैश्चरस्तवराज:, शिव चालीसा का पाठ तथा शनि देव की आरती भी करनी चाहिए। इस दिन कथा, शिव जी की आरती और मंत्रों का जाप करने से शनि संबंधित दोषों से मुक्ति मिलती है।
 
15. शनि जयंती पर मंदिर में जाकर पार्थिव शिवलिंग का तेल से अभिषेक करना चाहिए तथा मंदिर में तेल, उड़द और तिल का दान करना चाहिए।
 
16. शनि जयंती पर महाकाल के दर्शन करने से विशेष पुण्य फल मिलता है। अत: हो सके तो इस दिन महाकाल के दर्शन अवश्य करें।
 
 
17. शनि जयंती पर भगवान भोलेनाथ को शकर का भोग लगाएं। 
 
18. शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए शनि जयंती व्रत उत्तम होता है। यह व्रत करने वाले को इस दिन प्रात:काल में भगवान शिवशंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, तत्पश्चात शनि देव का पूजन करना चाहिए। 
 
19. इसके अलावा शिव जी का दूध, दही, घी, नर्मदा-गंगा जल, शहद से अभिषेक करना चाहिए। 
 
20. शनि जयंती के दिन निर्धन व्यक्ति को भोजन करवाएं तथा सफाईकर्मी को सिक्कों का दान अवश्य दें।


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