वर्ष 2023 में शुक्रवार को शनि जयंती (Shani Jyanati 2023) मनाई जा रही है। इस दिन ज्येष्ठ अमावस होने के कारण पीपल तथा वट वृक्ष का पूजन करने तथा भगवान शनि का विशेष पूजन-अर्चन किया जाता है। आज के दिन शनिदेव के इन विशेष मंत्रों के जप करने से जीवन में सफलता के द्वार खुलते हैं। इतना ही नहीं सुख-समृद्धि, यश-कीर्ति, पराक्रम, वैभव और अपार धन-धान्य के साथ जीवन में निरंतर प्रगति भी होती हैं।
आइए जानते हैं शनि जयंती के 10 मंत्र, आज पढ़ना ना भूलें-
1. ॐ शं शनैश्चराय नम:
2. ॐ प्रां. प्रीं. प्रौ. स: शनैश्चराय नम:
3. ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्डसंभूतम। तम् नमामि शनैश्चरम्।।
4. सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय: द
मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:
5. ॐ शमाग्निभि: करच्छन्न: स्तपंत सूर्य शंवातोवा त्वरपा अपास्निधा:
6. शनि स्तोत्र
नमस्ते कोणसंस्थाचं पिंगलाय नमो एक स्तुते
नमस्ते बभ्रूरूपाय कृष्णाय च नमो ए स्तुत
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकाय च
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो
नमस्ते मंदसज्ञाय शनैश्चर नमो ए स्तुते
प्रसाद कुरू देवेश दिनस्य प्रणतस्य च
कोषस्थह्म पिंगलो बभ्रूकृष्णौ रौदोए न्तको यम:
सौरी शनैश्चरो मंद: पिप्लदेन संस्तुत:
एतानि दश नामामी प्रातरुत्थाय ए पठेत्
शनैश्चरकृता पीडा न कदचित् भविष्यति
7. वैदिक शनि मंत्र: ॐ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
8. ॐ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभिये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात्
9. ॐ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
10. कोणस्थः पिंगलोबभ्रुः कृष्णो रौद्रोन्तको यमः। सौरिः शनैश्चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः।। एतानि दशनामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्। शनैश्चर कृता पीड़ा न कदाचिद्भविष्यति।।
इसके अलावा नित्य प्रातः शनिदेव के 10 नामों का स्मरण करने से भी शनि की पीड़ा शांति होती है।
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