इस बार 30 अक्टूबर शाम को 5 बजकर 45 मिनट से शरद पूर्णिमा लग जाएगी। प्रदोष भी रहेगा और पूरी रात निषीथ-अर्धरात्रि में पूर्णिमा रहेगी। आश्विन मास की यह पूर्णिमा धार्मिक दृष्टि से खास महत्व वाली है। मान्यता है कि इसे कोजागरी या कोजागिरी इसलिए कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात ऐरावत पर बैठ कर देवराज इन्द्र महालक्ष्मी के साथ धरती पर आते हैं और पूछते हैं कि कौन जाग रहा है। जो जाग रहा होता है और उनका स्मरण कर रहा होता है, उसे ही लक्ष्मी और इन्द्र की कृपा प्राप्त होती है।
जानकारों के अनुसार अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर शरद पूर्णिमा का अत्यंत शुभ योग बन रहा है। इस बार शरद पूर्णिमा शुक्रवार के दिन मध्यरात्रि पर अश्विनी नक्षत्र के संयोग में आ रही है। शुक्रवार के साथ अश्विनी नक्षत्र होने से अमृत सिद्ध योग बन रहा है। दूसरी तरफ कुछ विद्वानों का मत है कि शनिवार को शरद पूनम में चंद्रदर्शन का शुभ संयोग महत्वपूर्ण है।
जानिए 30 और 31 दोनों तिथियों के शुभ मुहूर्त
ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 30 अक्टूबर 2020 को शाम 05 बजकर 45 मिनट
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय: 30 अक्टूबर 2020 को 7 बजकर 12 मिनट