Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

BJP को स्पष्ट बहुमत न मिलता देख औंधे मुंह गिरा Share Bazar, पिछले 4 साल की सबसे बड़ी गिरावट

गिरावट के बावजूद निवेशकों का भाजपा पर भरोसा बरकरार

Advertiesment
हमें फॉलो करें BJP को स्पष्ट बहुमत न मिलता देख औंधे मुंह गिरा Share Bazar, पिछले 4 साल की सबसे बड़ी गिरावट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 4 जून 2024 (17:46 IST)
Share bazaar News: आम चुनाव (general election) के रुझानों में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) के बहुमत से दूर रहने के संकेत मिलने के बाद मंगलवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट हुई। इस दौरान प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) लगभग 6 प्रतिशत टूट गए। यह किसी एक दिन में पिछले 4 साल की सबसे बड़ी गिरावट है।
 
2 महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ : इससे पहले सोमवार को 3 प्रतिशत से अधिक की तेज बढ़त के बाद मंगलवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 4,389.73 अंक या 5.74 प्रतिशत फिसलकर 2 महीने के निचले स्तर 72,079.05 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान सेंसेक्स 6,234.35 अंक या 8.15 प्रतिशत गिरकर लगभग 5 महीने के निचले स्तर 70,234.43 अंक पर आ गया था।

 
निफ्टी भी 8.52 प्रतिशत गिरा : इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1,982.45 अंक या 8.52 प्रतिशत गिरकर 21,281.45 अंक पर आ गया। बाद में यह 1,379.40 अंक या 5.93 प्रतिशत के बड़े नुकसान के साथ 21,884.50 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले 23 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन लगाए जाने पर सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 13 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। पीएसयू, सार्वजनिक बैंकों, बिजली, ऊर्जा, तेल और गैस तथा पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में भारी मुनाफावसूली हुई।
 
गिरावट के बावजूद भाजपा पर भरोसा : जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आम चुनाव के अप्रत्याशित नतीजों ने घरेलू बाजार में डर पैदा किया। इस वजह से हाल में हुई भारी तेजी पलट गई। इसके बावजूद बाजार ने भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन के भीतर स्थिरता की अपनी उम्मीद को बनाए रखा। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक अर्थशास्त्र पर ध्यान केंद्रित करने वाली राजनीति में बड़ा बदलाव होगा जिसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

 
2014 और 2019 में यह थी बाजार की स्थिति : नरेन्द्र मोदी सरकार जब 16 मई 2014 को सत्ता में आई थी, तब सेंसेक्स 261.14 अंक या 0.90 प्रतिशत बढ़कर 24,121.74 अंक पर बंद हुआ था। उस दिन निफ्टी 79.85 अंक या 1.12 प्रतिशत बढ़कर 7,203 अंक पर पहुंच गया था। मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने पर 23 मई, 2019 को सेंसेक्स 298.82 अंक या 0.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 38,811.39 अंक पर बंद हुआ था। इस दिन निफ्टी 80.85 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,657.05 अंक पर बंद हुआ था।

 
एनटीपीसी में सबसे अधिक गिरावट : सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी में सबसे अधिक करीब 15 प्रतिशत की गिरावट हुई। इसके अलावा एसबीआई में 14 प्रतिशत, एलएंडटी में 12 प्रतिशत और पॉवर ग्रिड में 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और जेएसडब्ल्यू स्टील में भी उल्लेखनीय गिरावट हुई। दूसरी ओर हिंदुस्तान यूनिलीवर में 6 प्रतिशत और नेस्ले में 3 प्रतिशत की तेजी आई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एशियन पेंट्स और सन फार्मा भी लाभ में रहे। एफएमसीजी को छोड़कर सभी क्षेत्रीय सूचकांक नुकसान के साथ बंद हुए।
 
एफआईआई ने 6,850 करोड़ के शेयर खरीदे : शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 6,850.76 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.88 प्रतिशत गिरकर 76.89 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

World environment day : पर्यावरण बचाने के 5 सरल सूत्र