मुंबई। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को सहारा के देने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के असीमित बॉन्ड खरीद कार्यक्रम की घोषणा करने के बाद मंगलवार को शुरुआती सत्र में सेंसेक्स 1,400 से अधिक बढ़ गया। दूसरे एशियाई बाजारों में भी ऐसा ही रुख देखने को मिला।
कारोबारियों का कहना है कि अमेरिका में मांग बढ़ने की संभावना से एशिया में निवेशकों की भावनाओं में सुधार हुआ। बीएसई सेंसेक्स के 1,481.63 अंकों की बढ़त दर्ज करने के बाद हालांकि सूचकांक में गिरावट देखी गई और खबर लिखे जाने तक यह 443.27 अंकों या 1.71 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,424.51 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह एनएसई निफ्टी 165.55 अंकों या 2.18 फीसदी की तेजी के साथ 7,775.80 पर कारोबार कर रहा था।
सेंसेक्स में सबसे अधिक गिरावट में इंडसइंड बैंक, टाइटन, एलएंडटी, टाटा स्टील, एशियन पेंट और आईसीआईसीआई बैंक शामिल थे, जबकि एचसीएल टेक, एचयूएल, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा के शेयरों में तेजी देखने को मिली। पिछले सत्र में सेंसेक्स 3,935 अंकों या 13.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,981.24 पर बंद हुआ जबकि एनएसई निफ्टी 1,135.20 अंक या 12.98 प्रतिशत टूटकर 7,610.25 पर आ गया था।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के अनुसार अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अब अपने ऐतिहासिक पैकेज के साथ सामने से आगे आ रहा है।
उन्होंने कहा कि वॉल स्ट्रीट और अन्य शेयर बाजार के लिए यह व्यापक पैकेज अभूतपूर्व है और यह संदेश देता है कि आर्थिक संकट को कम करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा केंद्रीय बैंक जो बन पड़ेगा, करेगा। उन्होंने कहा कि अन्य केंद्रीय बैंकों से ऋण और वित्तीय बाजारों के तनाव को कम करने के लिए ऐसे साहसिक उपायों की उम्मीद है।