Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महाशिवरात्रि पर ये 5 फूल भूलकर भी न चढ़ाएं भगवान शिव को, हो जाएंगे भोलेशंकर नाराज

हमें फॉलो करें महाशिवरात्रि पर ये 5 फूल भूलकर भी न चढ़ाएं भगवान शिव को, हो जाएंगे भोलेशंकर नाराज
, शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022 (10:55 IST)
महाशिवरात्रि 2022: 1 मार्च 2022 शनिवार को फाल्गुन मास की शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाहोत्सव मनाया जाता है। भगवान शिव की पूजा में कुछ सावधानियां रखना जरूरी है। जैसे कि भगवान शिव को कुमकुम का तिलक नहीं लगाया जाता है। उन्हें तुलसी का पत्ता भी अर्पित नहीं किया जाता है। शंख से जल अर्पित नहीं किया जाता है। उनकी पूजा में हल्दी और रोली का प्रयोग भी नहीं किया जाता है। उसी तरह शिवलिंग पर भूलकर भी अर्पित न करें ये 5 फूल।
 
 
1. केतकी
2. कनेर
3 कमल
4. चंपा
5. केवड़ा
 
भगवान शिव की पूजा में केतकी, कनेर, कमल, चंपा और केवड़ा के फूल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जब ब्रह्मा और विष्णु ने शिव के कहने पर ज्योति स्तंभ का ओर छोर का पता लगाने को कहा तो ब्रह्माजी स्तंभ के उपर का सिरा खोजने गए और विष्णु जी नीचे का सिरा खोजने गए। विष्णु जी ने आकर शिवजी ने कहा कि मुझे इसका कोई अंत नहीं मिला जबकि ब्रह्मा जब उपर गए तो वहां एक जगह उन्हें केतकी नजर आई। उन्होंने केतकी से झूठ बोलने को कहा। ब्रह्मा ने लौटकर कहा कि मैंने इस का अंत ढूंढ लिया। केतकी ने इसके लिए झूठी गवाही दी थी। इससे क्रोधित होकर शिवजी ने केतकी को अपनी पूजा से बाहर कर दिया। तभी से शिव पूजा में केतकी का फूल अर्पित नहीं करते हैं। कमल के फूल पर ब्रह्माजी विरामान हैं। बाकी के फूल माता लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं।
 
भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं जो मात्र बेलपत्र और शमीपत्र आदि को चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं, परंतु भूलकर भी उनकी पूजा में तुलसी का पत्र न चढ़ाएं। भगवान शिव का नारियल से अभिषेक नहीं करना चाहिए और न ही शंख से जल अर्पित करना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Surya Grahan 2022 : कब है सूर्य ग्रहण, कहां-कहां दिखाई देगा, जानिए सूतक काल की सावधानियां