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पितृ पक्ष के दौरान श्राद्धकर्ता एवं श्राद्ध को ग्रहण करने वाले अवश्‍य करें इन नियमों का पालन

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पं. हेमन्त रिछारिया

हमारे शास्त्रों में श्राद्धकर्ता एवं श्राद्धभोक्ता के लिए अनुकरणीय नियम का उल्लेख मिलता है। जिससे हमें इस बात की जानकारी मिलती है कि श्राद्ध करने एवं श्राद्ध को ग्रहण करने वाले को किन नियमों का अनुपालन करना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं श्राद्धकर्ता व श्राद्धभोक्ता के शास्त्रोक्त अनुकरणीय नियम कौन से हैं-
 
श्राद्धकर्ता के लिए नियम-
 
1. श्राद्धकर्ता को श्राद्ध वाले दिन बाल कटवाना, दाढ़ी बनाना, तेल मालिश करने का निषेध है। श्राद्धकर्ता को श्राद्धवाले दिन ये सब कार्य नहीं करने चाहिए।
 
2. श्राद्धकर्ता को श्राद्ध वाले दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और स्त्री-संसर्ग नहीं करना चाहिए।
 
3. श्राद्धकर्ता को श्राद्ध वाले दिन किसी अन्य व्यक्ति के घर या अन्य स्थान पर भोजन नहीं करना चाहिए।
 
4. श्राद्धकर्ता को श्राद्ध वाले दिन किसी से दान या भेंट स्वीकार नहीं करना चाहिए।
 
5. श्राद्धकर्ता को श्राद्ध वाले दिन ब्राह्मण भोजन के उपरांत ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
 
 
श्राद्धभोक्ता के लिए नियम-
 
1. श्राद्धभोक्ता को श्राद्ध भोज वाले दिन श्राद्धकर्ता के अतिरिक्त कहीं अन्यत्र भोजन नहीं करना चाहिए।
 
2. श्राद्धभोक्ता को श्राद्ध का भोजन करते समय मौन रहकर भोजन ग्रहण करना चाहिए, केवल हाथों के संकेत से अपनी बात प्रकट करनी चाहिए।
 
3. श्राद्धभोक्ता को श्राद्ध के भोजन की प्रशंसा या निंदा नहीं करनी चाहिए।
 
4. श्राद्धभोक्ता को श्राद्ध वाले दिन किसी को दान नहीं देना चाहिए।
 
5. श्राद्धभोक्ता को श्राद्ध वाले दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
 
-ज्योतिर्विद् पं हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

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