पितृ पक्ष के 16 दिनों में हर कोई अपनी श्रद्धानुसार श्राद्ध अवश्य करता है लेकिन कुछ लोग आर्थिक दृष्टि से समृद्ध नहीं होते हैं और श्राद्ध परंपरा अनुसार नहीं कर पाते हैं। शास्त्रों में उनके लिए भी समाधान है। एक सच्ची प्रार्थना, आपके पितरों को तृप्त कर सकती है।
ब्रह्मपुराण में बताया गया है कि धन के अभाव में श्रद्धापूर्वक केवल शाक से भी श्राद्ध किया जा सकता है। यदि इतना भी न हो तो अपनी दोनों भुजाओं को उठाकर कह देना चाहिए कि मेरे पास श्राद्ध के लिए न धन है और न ही कोई वस्तु। अत: मैं अपने पितरों को प्रणाम करता हूं, वे मेरी भक्ति से ही तृप्त हों।