प्रतिमाह आने वाले कृष्ण और शुक्ल पक्ष की दोनों त्रयोदशी तिथियों पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इन दिनों श्राद्ध पक्ष (Pitru paksha 2022) चल रहा है और शुक्रवार, 23 सितंबर 2022 को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। प्रदोष तिथि के दिन भगवान शिव जी की पूजा की जाती है तथा शुक्रवार के दिन यह व्रत पड़ने के कारण यह शुक्र प्रदोष (Shukra Pradosh Vrat 2022) कहलाता है।
अभी पितृ पक्ष में यह व्रत आने के कारण इसका अधिक महत्व बढ़ गया है तथा इस दिन निम्न 5 उपाय करने से पितृ तृप्त होकर शुभाशीष देते हैं।
आइए जानते हैं श्राद्ध प्रदोष व्रत के खास उपाय-
1. प्रदोष या त्रयोदशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान भोलेनाथ का ध्यान करते हुए नहाने के पानी में काले तिल डाल कर मंत्र- 'ॐ नम: शिवाय' का जाप करते हुए स्नान करें। शिव जी तथा पितृ प्रसन्न होंगे।
2. प्रदोष व्रत के दिन कच्चा दूध लेकर उसमें काले तिल डालकर मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव जी का अभिषेक करें तथा काले तिल का दान करें। इस उपाय से पितृ दोष से मुक्ति मिलने के साथ ही पितरों की आत्मा को शांति भी मिलेगी तथा उनके आशीर्वाद से चारों दिशाओं में आपकी यश, कीर्ति बढ़ेगी तथा धनागमन के रास्ते खुलेंगे।
3. त्रयोदशी के दिन किसी भी तालाब या नदी किनारे जाकर मछलियों को आटे की गोलियां खिलाने तथा असहाय लोगों को भोजन कराने अथवा अन्न, वस्त्र, काले तिल, छाता आदि दान करने से भी पितृ प्रसन्न होंगे।
4. प्रदोष तिथि पर शिव-पार्वती का संयुक्त रूप में पूजन करके मंत्र- 'ॐ गौरीशंकराय नमः' का जाप करें तथा किसी मंदिर में अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करें। इस उपाय से जहां पितरों का आशीष मिलेगा, वहीं जीवन की सभी परेशानियां दूर होकर सुख-समृद्धि और घर में खुशियों का आगमन होगा।
5. इस दिन अपने पितरों को याद करते हुए शिव जी का दुग्धाभिषेक करें तथा काला तिल, पुष्प, फल, मिठाई आदि चीजें चढ़ाएं और भोग लगा कर आरती करें। इस उपाय से भी पितृ प्रसन्न होकर आपकी हर कामना पूर्ण होने का आशीष देंगे।
इन उपायों के अलावा निम्न मंत्रों का जाप करना भी लाभदायी रहेगा।
- ॐ पितृ देवतायै नम:
- ॐ कुलदेवतायै नम:
- ॐ कुलदैव्यै नम: