इस बार पितृ पक्ष ( Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा। आओ जानते हैं कि पितृ पक्ष के चौथे दिन के तृतीया श्राद्ध ( Tritiya shradh 2021 ) के दिन क्या सावधानियां रखें, कैसे पूजन करें।
तृतीया श्राद्ध : जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार दोनों पक्षों (कृष्ण या शुक्ल) तृतीया तिथि हो हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है। तृतीया तिथि 23 सितंबर को प्रातः 06:53 बजे से प्रारंभ होगी। अभिजित, कुतुप या रोहिणी मुहूर्त में श्राद्ध करते हैं। तृतीया श्राद्ध को विधिवत रूप से करने से सद्बुद्धि, स्वास्थ और समृद्धि प्राप्त होती है।
कैसे करें पूजन :
1. गंगाजल, कच्चा दूध, जौ, तुलसी और शहद मिश्रित जल की जलांजलि देने के बाद गाय के घी का दीप जलाएं, धूप दें, गुलाब का फूल चढ़ाएं और चंदन अर्पित करें।
2. इसके बाद पिता से प्रारंभ करके पूर्वजों के जहां तक नाम याद हों वहां तक के पितरों के नामोच्चारण करके स्वधा शब्द से अन्न और जल अर्पित करें। इस दिन भगवान विष्णु और यम की पूजा करें। इसके बाद तर्पण कर्म करें।
3. पितृ के निमित्त लक्ष्मीपति का ध्यान करके गीता का तीसरा अध्याय का पाठ करें।
4. पिर श्राद्ध में कढ़ी, भात, खीर, पुरी और सब्जी का भोग लगाते हैं। पितरों के लिए बनाया गया भोजन रखें और अंगूठे से जल अर्पित करें।
5. इसके बाद भोजन को गाय, कौवे और फिर कुत्ते और चीटियों को खिलाएं।
6. तृतीय श्राद्ध में तीन ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। उन्हें शक्कर, वस्त्र, चावल और यथाशक्ति दक्षिणा देकर उन्हें तृप्त करें।
1. इस दिन गृह कलह न करें।
2. चरखा, मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तील, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसो का साग, चना आदि वर्जित माना गया है।
3. शराब पीना, मांस खाना, श्राद्ध के दौरान मांगलिक कार्य करना, झूठ बोलना और ब्याज का धंधा करने से भी पितृ नाराज हो जाता हैं।