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इस बार सावन सोमवार पर बन रहे हैं अद्भुत योग संयोग, 5 कार्य करने से मिलेगा लाभ

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WD Feature Desk

, बुधवार, 9 जुलाई 2025 (16:12 IST)
11 जुलाई 2025 शुक्रवार से सावन माह प्रारंभ हो रहा है जबकि इसका समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। इस बार श्रावण कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी तिथि की हानि है जबकि शुक्ल पक्ष में अष्टमी तिथि की वृद्धि है। इस बार श्रावण पूर्णिमा भी दो दिन होगी। 8 अगस्त को व्रत की पूर्णिमा और 9 अगस्त को स्नान-दान की पूर्णिमा के साथ ही रक्षाबंधन का त्योहार भी रहेगा।14 जुलाई को श्रावण मास का पहला सोमवार रहेगा। प्रथम सोमवार को बहुत ही अद्भुत योग संयोग का निर्माण हो रहा है।
 
चारों सोमवारों पर अद्भुत योग संयोग: पहला सोमवार 14 जुलाई को है और इसी दिन संकष्ठी श्री गणेश चतुर्थी व्रत भी रहेगा। दूसरा सोमवार 21 जुलाई को है और इसी दिन सभी सिद्धियों को पूर्ण कराने वाली कामदा एकादशी का व्रत भी रहेगा। तीसरा सोमवार 28 जुलाई को विनायकी गणेश चतुर्थी के दिन रहेाग। चौथा और अंतिम सोमवार 4 अगस्त को झूलन यात्रा के प्रदोष काल में आरंभ होगा।
 
प्रथम सोमवार का योग संयोग: प्रथम सोमवार को संकष्टी चतुर्थी के योग के साथ ही इस दिन आद्रा नक्षत्र, हर्षण योग और भद्रा वास का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा स्वाति नक्षत्र और सिद्ध योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। इसके अलावा धनिष्ठा नक्षत्र के साथ आयुष्मान का योग भी रहेगा। मान्यता है कि इस दिन निशीथ काल में भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होगी।
 
सावन के प्रथम सोमवार को 5 कार्य करेंगे तो मिलेगा लाभ:
1. शिव मंदिर में प्रज्वलित करें दीपक: शाम के समय शिव मंदिर में घी का दीपक लगाने वाले व्यक्ति को अपार धन-संपत्ति एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। अत: सोमवार को शाम को या रात्रि के समय किसी भी शिवलिंग के समक्ष दीपक लगाना चाहिए। दीपक ऐसा जलाएं कि वह कम से कम रात की 12 बजे तक जलता रहे।
 
2. जलाभिषेक: मात्र शुद्ध और पवित्र जल से अभिषेक करने पर शारीरिक एवं मानसिक ताप मिटते हैं। इससे वर्षा भी होती है। गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है। तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग व दु:ख से छुटकारा मिलता है। ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें। घर में शिवालय से लाया हुआ जल का छिड़काव करने से सभी दोष दूर होते हैं।
 
3. शिवामुट्ठी: शिवा मुट्ठी में 5 अनाज होते हैं- अरहर की दाल, अक्षत, गेहूं, काला तिल और मूंग की दाल। प्रथम सोमवार को कच्चे चावल एक मुट्ठी दान करने से लाभ मिलेगा। शिवजी को चावल अर्पित करते वक्त यह ध्यान रखें कि वह टूटे हुए न हो। इससे सभी तरह की परेशानी समाप्त हो जाती है।
 
4. कलश भरें: श्रावण मास सोमवार में सवेरे शिवालय में तांबे के कलश में गंगाजल, अक्षत, सफेद चंदन मिलाकर शिवलिंग पर 'ॐ नम: शिवाय' यह मंत्र बोलते हुए अर्पित करें।
 
5. महा मृत्युंजय मंत्र: सोमवार को व्रत रखकर महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

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