Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सावन के सोमवार की पूजा विधि क्या है?

Advertiesment
हमें फॉलो करें Sawan Somvar 2025

WD Feature Desk

, बुधवार, 9 जुलाई 2025 (16:05 IST)
sawan somwar puja vidhi 2025 : हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार इस बार दिन शुक्रवार, 11 जुलाई से श्रावण मास 2025 का शुभारंभ हो रहा है। इन दिनों समस्त शिवभक्त भगवान भोलेनाथ की आराधना में लीन रहेंगे और धार्मिक मान्यता के अनुसार श्रावण/ सावन मास के प्रथम सोमवार 14 जुलाई 2025 को पड़ रहा है। बता दें कि इस साल श्रावण मास में 4 सावन सोमवार पड़ रहे हैं, जो कि इस प्रकार रहेंगे।ALSO READ: सावन में कब कब सोमवार रहेंगे
 
1. प्रथम सोमवार 14 जुलाई, 2. दूसरा सोमवार 21 जुलाई, तीसरा सोमवार 28 जुलाई और चौथा सोमवार 04 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा तथा 09 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन श्रावण पूर्णिमा के साथ ही इस माह का समापन भी होगा।
 
आइए यहां जानते हैं सावन सोमवार के दिन कैसे करें भोलेनाथ का पूजन...
 
श्रावण सोमवार व्रत पूजा विधि: 
 
- पहले श्रावण सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
 
- पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
 
- गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें।
 
- घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
 
- पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें-
'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये'
 
- इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥
 
- ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' तथा 'ॐ शिवायै' नमः' से शिव और पार्वती जी का षोडशोपचार पूजन करें।
 
- पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
 
- अपार धन प्राप्ति के लिए सोमवार के दिन यह मंत्र जपें- 
 
मंत्र- मन्दारमालाङ्कुलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
श्री अखण्डानन्दबोधाय शोकसन्तापहा​रिणे।
सच्चिदानन्दस्वरूपाय शंकराय नमो नम:॥
 
- इस मंत्र का पाठ करने के बाद भगवान शिव को घी, शकर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाएं। 
 
- तत्पश्चात धूप, दीप से करके प्रसाद वितरण करें।
 
- इसके बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण करें। 
 
- तत्पश्चात आप अपनी शक्तिनुसार फलाहार या भोजन ग्रहण करें।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने में ना करें ये भूल वर्ना नहीं होगा पूजा से लाभ

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शादी में हो रहा है विलंब तो सावन में करें ये अचूक उपाय, भोलेनाथ के आशीर्वाद से शीघ्र बनेगा विवाह का योग