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सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने में ना करें ये भूल वर्ना नहीं होगा पूजा से लाभ

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हमें फॉलो करें सावन में बेलपत्र चढ़ाने की विधि

WD Feature Desk

, बुधवार, 9 जुलाई 2025 (13:30 IST)
shivling par belpatra kaise chadhaya jata hai : सावन का पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित है, और इस दौरान की गई हर पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त विभिन्न प्रकार की सामग्री अर्पित करते हैं, जिनमें बेलपत्र का स्थान सर्वोपरि है। बेलपत्र को भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना जाता है, और मान्यता है कि इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र अर्पित करने के कुछ विशेष नियम होते हैं? यदि इन नियमों का पालन न किया जाए, तो आपकी पूजा का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। आइए जानते हैं सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपकी पूजा सफल हो।
1. तीन पत्ती वाला बेलपत्र ही चढ़ाएं इस बात का खास ख्याल रखें कि शिवलिंग पर चढ़ाया जाने वाला बेलपत्र हमेशा तीन पत्ती वाला होना चाहिए। तीनों पत्तियां आपस में जुड़ी होनी चाहिए। खंडित या टूटी हुई पत्तियां अर्पित करने से पूजा का फल नहीं मिलता। तीन पत्तियां त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक मानी जाती हैं, और यह भगवान शिव के त्रिशूल का भी प्रतिनिधित्व करती हैं।

2. कटा या फटा न हो पत्ता बेलपत्र का पत्ता कटा या फटा नहीं होना चाहिए। पूर्ण और अक्षत बेलपत्र ही भगवान शिव को प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि खंडित वस्तुएं पूजा में वर्जित होती हैं, इसलिए बेलपत्र चुनते समय उसकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें।

3. सूखे पत्ते न करें अर्पित सूखे पत्ते वाला बेलपत्र भोलेनाथ को नहीं अर्पित करना चाहिए। बेलपत्र हमेशा ताजा और स्वच्छ होना चाहिए। बासी या मुरझाए हुए बेलपत्र चढ़ाने से पूजा का लाभ नहीं मिलता। यदि ताजा बेलपत्र उपलब्ध न हो, तो आप पहले से चढ़ाए गए बेलपत्र को धोकर पुनः अर्पित कर सकते हैं, क्योंकि बेलपत्र कभी बासी नहीं होता, लेकिन सूखा नहीं होना चाहिए।

4. धोकर ही चढ़ाएं बेलपत्र बेलपत्र को हमेशा धोकर या साफ करके ही भोलेनाथ को अर्पित करना चाहिए। बेलपत्र पर धूल, मिट्टी या किसी प्रकार की अशुद्धि नहीं होनी चाहिए। गंगाजल या स्वच्छ जल से धोकर ही इसे शिवलिंग पर चढ़ाएं, ताकि आपकी भक्ति में कोई कमी न रहे।

5. स्वयं को शुद्ध करना है बेहद जरूरी बेलपत्र चढ़ाने से पहले अपने आप को शुद्ध करना बेहद जरूरी है। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मन और शरीर दोनों से पवित्र होकर ही पूजा करें। बिना शुद्ध हुए पूजा करने से उसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।

6. मंत्रों का जाप अवश्य करें बेलपत्र अर्पित करते समय 'ऊं बेलपत्राय नमः' और 'ऊं नमः शिवाय' मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों का जाप करते हुए बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं सुनते हैं। मंत्रों के उच्चारण से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

7. चिकनी ओर शिवलिंग की तरफ रखें बेलपत्र चढ़ाते समय उसकी चिकनी ओर (ऊपरी हिस्सा) शिवलिंग की तरफ रखें। बेलपत्र का डंठल आपकी ओर होना चाहिए। यह सही तरीका है बेलपत्र अर्पित करने का, जिससे पूजा का पूर्ण लाभ मिलता है।

8. तीन पत्तियों पर चंदन लगाएं बेलपत्र चढ़ाते समय उनकी तीनों पत्तियों पर चंदन जरूर लगाएं। चंदन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और यह शीतलता का प्रतीक है। चंदन लगाने से बेलपत्र की पवित्रता और प्रभाव और बढ़ जाता है।

9. तोड़ने का सही समय शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि बेलपत्र को सूर्योदय के बाद और दोपहर से पहले तोड़ना अच्छा माना जाता है। सूर्यास्त के बाद बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।
इन नियमों का पालन करते हुए सावन में भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से आपकी पूजा निश्चित रूप से सफल होगी और महादेव की कृपा से आपके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आएगी।
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