श्रावण में पहनें इतने मनकों वाला रुद्राक्ष, जानिए क्या हैं रुद्राक्ष धारण करने के लाभ
सावन में महादेव को प्रसन्न करने के लिए कैसे विधिवत धारण करें रुद्राक्ष
कौन सा रुद्राक्ष करें धारण
सावन में सबसे उत्तम छह मुखी रुद्राक्ष माना जाता है। इसलिए 6 मुख वाला रुद्राक्ष ही धारण करना चाहिए। मान्यता है कि 6 मुखी रुद्राक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास है। इसकी ऊर्जा में सभी देवी-देवताओं की शक्तियां हैं।
क्या है धारण करने की विधि
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सबसे पहले छह मुखी रुद्राक्ष को सरसों के तेल (क्या सरसों के तेल से दीपक जलाना चाहिए) में भिगोकर रखें।
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एक कटोरी में आपको 5 से 7 दिन तक रुद्राक्ष भिगोना है।
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रुद्राक्ष को दूध से स्नान कराएं और उसे मंत्र से अभिमंत्रित करें।
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उसके बाद ही छह मुखी रुद्राक्ष को सावन के सोमवार के दिन धारण करें।
क्या हैं इससे जुड़े नियम
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छह मुखी रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में नहीं धारण करना चाहिए। इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें।
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छह मुखी रुद्राक्ष को अशुद्ध हाथों से नहीं छूना चाहिए। रात को सोते समय रुद्राक्ष उतार दें और फर सुबह स्नान के बाद ही पहनें।
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छह मुखी रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र 'ऊं नमः शिवाय' का उच्चारण अवश्य करें और भगवान शिव (भगवान शिव के प्रतीक) का ध्यान भी करें।
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स्वयं का पहना हुआ छह मुखी रुद्राक्ष कभी भी किसी दूसरे को धारण करने के लिए न दें। इससे रुद्राक्ष का प्रभाव उल्टा हो जाता है।
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छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांसाहार का त्याग करें और सात्विक भोजन ही करें। रुद्राक्ष को इधर-उधर रखने से भी बचें।
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गर्भवती महिलाएं रुद्राक्ष धारण न करें। सूतक या सोबड़ हटने के बाद महिलाएं रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं। यह शुभ होता है।
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छह मुखी रुद्राक्ष धारण कर गर्भवती महिला या नवजात शिशु के पास न जाएंALSO READ: Sawan Somvar 2024: सावन में कौन-से 5 पौधों को लगाने से प्रसन्न होते हैं महादेव, जानिए क्या है धार्मिक महत्व
क्या हैं इससे मिलने वाले लाभ
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छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं और बीमारियां घेर नहीं पाती। कई बीमारियों में आराम मिलता है।
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वैज्ञानिक आधार पर भी यह सिद्ध हो चुका है कि छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से हृदय रोग में राहत मिलती है और रोग दूर होता है।
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छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं, भाग्य साथ देने लगता है और सभी बिगड़े काम पुनः मिलने लग जाते हैं। ALSO READ: Sawan Somvar 2024: सावन में साग और कढ़ी नहीं खाने का क्या है वैज्ञानिक कारण
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