इस बार श्रावण माह का प्रारंभ अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 25 जुलाई 2021 रविवार हो होगा और 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार रहेगा। 22 अगस्त रविवार रक्षा बंधन के दिन श्रावण मास समाप्त हो जाएगा और भाद्रपद माह की शुरुआत हो जाएगी। आओ जानते हैं शिव आराधना के प्रमुख स्तोत्र, मंत्र, श्लोक और स्तुति।
1. ग्रंथ : सभी पुराणों में शिवकथा मिलेगी परंतु शिवपुराण प्रमुख ग्रंथ है। इसके अलावा शिव संहिता और तंत्र शास्त्र में 'विज्ञान भैरव तंत्र' प्रमुख ग्रंथ है।
2. शिव स्त्रोत : शिवजी से संबंधित कई स्त्रोत है परंतु शिव तांडव स्त्रोत, श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र, शिव शतनाम स्तोत्र और शिवमहिम्न स्तोत्र सबसे प्रमुख है।
3. शिव स्तुति : शिव से संबंधित कई तरह की स्तुतियां हैं परंतु रुद्राष्टकम और कर्पूर गौरम करुणावतारं संसारसारं भुजगेंद्रहारम् सबसे प्रमुख है।
4. शिव मंत्र : दो ही शिव के मंत्र हैं पहला- ॐ नम: शिवाय। दूसरा महामृत्युंजय मंत्र- ॐ ह्रौं जू सः। ॐ भूः भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। स्वः भुवः भूः ॐ। सः जू ह्रौं ॐ ॥ है। इसके अलावा शिवजी के तंत्र और साबर मंत्र भी भी होते हैं और आवाहन मंत्र भी होते हैं।
5. शिव श्लोक : शिवजी से संबंधित श्लोक भी कई है, जैसे रूद्र श्लोक, महादेव संस्कृत मंत्र, महाकाल श्लोक आदि। स्त्रोत और स्तुत में से ही श्लोक निकलते हैं इसके अलावा भी कई श्लोक हैं।
6. शिव चालीसा : आप श्रावण मास में शिव चालीसा भी पढ़ सकते हैं। अंत में शिवजी की आरती करें।