भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है। शिवजी देव और असुर दोनों के ही भगवान हैं। उनकी गणों की संज्ञा अनगिनत है। उनके पार्षत और उनकी पंचायत भी है। आओ जानते हैं कि शिव पंचायत में कौन कौन शामिल है।
1. शिव पंचायक ये 5 देवता थे:- 1. सूर्य, 2. गणपति, 3. देवी, 4. रुद्र और 5. विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते हैं।
2. शिव पंचायत : पंचायत का फैसला अंतिम माना जाता है। देवताओं और दैत्यों के झगड़े आदि के बीच जब कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना होता था तो शिव की पंचायत का फैसला अंतिम होता था। शिव की पंचायत में 5 देवता शामिल थे।
3. शिव पार्षद : जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं उसी तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं। यहां देखा गया है कि नंदी और भृंगी गण भी है, द्वारपाल भी है और पार्षद भी।
4. शिव के द्वारपाल : नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल।
5. शिव के गण : शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है। शिवगण नंदी ने ही 'कामशास्त्र' की रचना की थी। 'कामशास्त्र' के आधार पर ही 'कामसूत्र' लिखा गया।