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Mahakal Sawari 2024 : महाकाल की नगरी में चौथी सवारी, किस रूप में नगर भ्रमण करेंगे बाबा

Mahakal Sawari 2024 : धार के घासी जनजाति के कलाकार घसिया बाजा नृत्य की प्रस्तुति देंगे

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WD Feature Desk

, शनिवार, 10 अगस्त 2024 (16:08 IST)
Mahakal Sawari 2024: 22 जुलाई 2024 सोमवार को पहली, 29 जुलाई को दूसरी, 5 अगस्त को तीसरी और अब 12 अगस्त 2024 सोमवार को महाकाल बाबा की चौथी सवारी निकलने वाली। इसके बाद 19 अगस्त को पांचवीं, 26 अगस्त को छठी, 2 सितंबर को अंतिम शाही सवारी निकलेगी। चौथी सवारी पर इस बार धार के घासी जनजाति के कलाकार घसिया बाजा नृत्य की प्रस्तुति देंगे।ALSO READ: महाकाल की तीसरी सवारी पर बनेगा विश्व रिकॉर्ड, एक साथ बजेंगे 1500 डमरू
 
पहली सवारी में चंद्र मौलेश्वर स्वरूप में बाबा ने दर्शन दिए, इसके बाद दूसरी सवारी में भगवान महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश रूप में दर्शन दिए। इसके बाद तीसरी सवारी में बाबा महाकाल का फिर से चंद्र मौलेश्वर स्वरूप देखने को मिलेागा। अब 12 अगस्त 2024 सोमवार को निकाली जाने वाली चौथी सवारी में बाबा का स्वरूप अनोखा होगा। 
 
सावन-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी तीन दशक से पारंपरिक रूप से निकलती आ रही है। परंपरागत नौ भजन मंडल, झांझ डमरू दल तथा विभिन्न वेशभूषा में कुछ लोगों को भक्त सालों से देखते आ रहे हैं।
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Ujjain mahakal sawari 2024
यह रहेगा महाकाल सवारी का मार्ग:-
महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। 
 
उज्जैन भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद अपने तय समय पर शुरू होकर निकलेगी। मुख्‍य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी दी जाएगी। इसके बाद यह सवारी महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। ALSO READ: अवंतिकानाथ भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में डमरू नाद का विश्व रिकार्ड
 
रामघाट शिप्रा तट पर सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हए श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस लौटेगी।

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