जीवन हो मर्यादा जैसा लेकिन धर्म और न्याय की रक्षार्थ श्री कृष्ण होना ही होता है। मानव मन भेद में जिता है। इसलिए सामान्यजनों के लिए श्रीराम और श्री कृष्ण के दांपत्य जीवन और विवाह के जानिए 10 अंतर।
1. भगवान श्रीराम सामाजिक नियमों का पालन करते हुए सिर्फ एक पत्नी व्रत ही धारण करते हैं जबकि कृषण की 8 पत्नियां थीं।
2. भगवान श्री राम ने स्वयंवर प्रतियोगिता में धनुष तोड़कर किया था सीता से स्वयंवर जबकि श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी लक्ष्मणा, जामवंती, सत्यभामा को छोड़कर बाकी का हरण किया था।
3. भगवान श्रीराम ने अपनी पत्नी के वियोग में 2 वर्ष बिताए जबकि श्रीकृष्ण को कभी पत्नी का वियोग नहीं हुआ। हालांकि वे जिंदगी भर श्री राधा के वियोग में रहे।
4. श्रीकृष्ण की विवाह परिस्थितियां भी भिन्न थीं। परन्तु श्रीराम ने मुरली और रास माधुर्य नहीं दिखाया। एक पत्नी व्रत रखा। श्रीराम ने सबके प्रेम निवेदन ठुकरा दिए।
5. श्रीराम ने सीताजी से प्रेम किया उन्हीं से विवाह भी, परन्तु श्री कृष्ण ने प्रेम तो राधा से किया लेकिन विवाह रुकमणी, सत्यभामा, जामवंती, कालिंदी, इत्यादि से किया।
6. श्रीराम का विवाह विधिवत रीती रिवाज से संपन्न हुआ परन्तु कृष्ण ने कुछ विवाह गन्धर्व रीती से किया था।
7. श्री राम को देखा जाए तो गृहस्थी का सुख उन्हें नहीं के बराबर ही मिला। इसके ठीक विपरीत कृष्ण को सदैव ही गृहस्थी का सुख मिला।
8. श्री राम का नाम उनकी पत्नी के साथ लिया जाता है, जबकि कृष्ण का नाम उनकी प्रेमिका राधा के साथ लिया जाता है।
9. श्रीराम की सीता श्रीकृष्ण की रुक्मिणी थी। अर्थात दोनों को ही माता लक्ष्मी का अवतार माना गया है।
10. श्रीराम की सीता श्रीराम के पूर्व ही अपने अंतिम समय में धरती में समा गई थी जबकि श्रीकृष्ण की पत्नियां श्रीकृष्ण के अपने धाम जाने के बाद अगल-अलग परिस्थिति में मृत्यु को प्राप्त हुई थीं। कुछ तपस्या करने जंगल में चली गई और कुछ सती हो गई।