Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

श्रीकृष्ण के रंग रूप और सुगंध के यह 4 राज चकित कर देंगे आपको

हमें फॉलो करें श्रीकृष्ण के रंग रूप और सुगंध के यह 4 राज चकित कर देंगे आपको

अनिरुद्ध जोशी

भगवान श्रीकृष्ण के रंग, रूप, सुगंध और शारीरिक बनावट को लेकर रिसर्च होती रहती है। आखिर कैसा था उनका रंग रूप यह जानना बहुत मुश्‍किल है लेकिन फिर भी हमने पुराणों की छानबिन करके कुछ बातें जुटाई हैं।

 
1. कठोर और कोमल शरीर : कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की देह कोमल अर्थात लड़कियों के समान मृदु थी लेकिन युद्ध के समय उनकी देह विस्तृत और कठोर हो जाती थी। जनश्रुति अनुसार ऐसा माना जाता है कि ऐसा इसलिए हो जाता था क्योंकि वे योग और कलारिपट्टू विद्या में पारंगत थे। इसका मतलब यह कि श्रीकृष्ण अपनी देह को किसी भी प्रकार का बनाना जानते थे। इसीलिए स्त्रियों के समान दिखने वाला उनका कोमल शरीर युद्ध के समय अत्यंत ही कठोर दिखाई देने लगता था। यही गुण कर्ण और द्रौपदी के शरीर में भी था।
 
2. मेघ श्यामल रंग : जनश्रुति अनुसार कुछ लोग श्रीकृष्ण की त्वचा का रंग काला और ज्यादातर लोग श्याम रंग का मानते हैं। श्याम रंग अर्थात कुछ-कुछ काला और कुछ-कुछ नीला। मतलब काले जैसा नीला। जैसा सूर्यास्त के बाद जब दिन अस्त होने वाला रहता है तो आसमान का रंग काले जैसा नीला हो जाता है। जनश्रुति अनुसार उनका रंग न तो काला और न ही नीला था। यह भी कि उनका रंग काला मिश्रित नीला भी नहीं था। उनकी त्वचा का रंग श्याम रंग भी नहीं था। दरअसल उनकी त्वचा का रंग मेघ श्यामल (Cloud Shyamal) था। अर्थात काला, नीला और सफेद मिश्रित रंग। इसलिए वे बहुत ही आ‍कर्षित लगते थे।
 
3. श्रीकृष्ण की गंध : प्रचलित जनश्रुति अनुसार माना जाता है कि उनके शरीर से मादक गंध निकलती रहती थी। इस गंध को वे अपने गुप्त अभियानों में छुपाने का उपक्रम करते थे। यही खूबी द्रौपदी में भी थी। द्रौपदी के शरीर से भी सुगंध निकलती रहती थी जो लोगों को आकर्षित करती थी। सभी इस सुगंध की दिशा में देखने लगते थे। इसीलिए अज्ञातवास के समय द्रौपदी को चंदन, उबटन और इत्रादि का कार्य किया जिसके चलते उनको सैरंध्री कहा जाने लगा था। माना जाता है कि श्रीकृष्‍ण के शरीर से निकलने वाली गंधी गोपिकाचंदन और कुछ-कुछ रातरानी की सुगंध से मिलती जुलती थी।
 
4. सदा जवान बने रहे श्रीकृष्ण : जनश्रुति अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने जब देहत्याग किया तब उनकी देह के केश न तो श्वेत थे और ना ही उनके शरीर पर किसी प्रकार से झुर्रियां पड़ी थी। अर्थात वे 119 वर्ष की उम्र में भी युवा जैसे ही थे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अधिक मास में करें तुलसी का पूजन, पढ़ें 10 फायदे एवं उपाय