निर्माता और निर्देशक रामानंद सागर के श्रीकृष्णा धारावाहिक के 21 जून के 50वें एपिसोड ( Shree Krishna Episode 50 ) में श्रीकृष्ण और बलराम को सांदीपनि ऋषि राम कथा सुना रहे हैं। पिछले एपिसोड में उन्होंने राम भगवान के वनगमन और महाराज दशरथ के पुत्र वियोग में देहांत की कथा सुनाई थी। अब आगे।
फिर सांदीपनि ऋषि बताते हैं कि इस धरती पर भगवान राम अवतार के दो मुख्य प्रयोजन थे। पहला यह कि वे मानव मर्यादा के ऐसे उच्चतम आदर्श स्थापित करना चाहते थे जो युगों युगों तक मानव जाति को प्रेम, बलिदान और सभ्यता के पथ पर चलना सिखाएं। उन्हें अपने धर्म का पालन करते हुए कर्तव्य पालन की शिक्षा दें। यहां तक की कथा का उनका यही प्रयोजन सिद्ध होता है जिसके कारण वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। अब में रामावतार के दूसरे मुख्य प्रयोजन अर्थात रावण के विनाश की कथा संक्षेप में सुनाता हूं।
फिर सांदीपनि ऋषि सूरपर्णखा प्रसंग, खर और दूषण के बाद रावण द्वारा सीता के हरण की कथा सुनाते हैं। जटायु द्वारा सीता को बचाने और उसके मृत्यु को प्राप्त होने के साथ ही श्रीराम और लक्ष्मण द्वारा सीता को ढूंढने के लिए वन-वन भटकने का प्रसंग सुनाते हैं।
जटायु द्वारा सीता के रावण द्वारा हरण और फिर दक्षिण दिशा की ओर उसे ले जाने के बारे में बताए जाने के बाद दोनों कुमार वन-वन भटकते हैं तब उनकी भेंट वीर हनुमान से होती है और फिर वे उन्हें सुग्रीव से मिलाते हैं। फिर हनुमानजी लंका जाकर माता सीता का पता लगाते हैं और उनसे मिलकर प्रभु की मुद्रिका देते हैं।
फिर हनुमानजी लंका दहन करके पुन: लौट आते हैं। फिर सभी मिलकर एक सेतु बनाते हैं और अंत: श्रीराम की वानर सेना लंका को घेर लेती हैं और फिर सांदीपनि ऋषि भगवान श्रीकृष्ण को राम और रावण के युद्ध का प्रसंग सुनाते हैं। अत: में श्रीराम अयोध्या लौट आते हैं और उनका राज्याभिषेक होता है।
यह कथा सुनाने के बाद सांदीपनि ऋषि कहते हैं कि इस कथा के साथ त्रेतायुग के संपूर्ण अवतारों की कथा संपूर्ण होती है। फिर सांदीपनि ऋषि भगवान श्रीकृष्ण से कहते हैं कि मैंने अपने गुरु के मुख से सुना था कि द्वापर युग में भी भगवान का अवतार होगा किंतु वो किस रूप में होगा ये वह नहीं जानते थे। हो सकता है कि हमारे जीवन में ही प्रभु का अवतार हो जाए, आगे जैसी उनकी इच्छा। यह सुनकर श्रीकृष्ण मुस्कुरा देते हैं। फिर सांदीपनि ऋषि कहते हैं कि इसके पश्चात मेरे पास केवल कुछ गुप्त विद्याएं ही रह गई हैं तो उनकी शिक्षा कल से आरंभ होगी। जय श्रीराम। जय श्रीकृष्णा।