Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(सप्तमी तिथि)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण सप्तमी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • जयंती/त्योहार/व्रत/मुहूर्त- सर्वार्थसिद्धि योग
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia

सिखों के छठे गुरु, गुरु हर गोविंद सिंह, जानें उनके बारे में

Advertiesment
हमें फॉलो करें Guru Har Govind Singh

WD Feature Desk

, शनिवार, 22 जून 2024 (18:23 IST)
guru hargobind singh
 
Highlights 
 
* कब है गुरु हर गोविंद सिंह जयंती।  
* गुरु हर गोविंद सिंह जी के बारे में जानें। 
* परोपकारी योद्धा सिखों के छठे गुरु का व्यक्तित्व जानें।   

Guru Hargobind Singh : वर्ष 2024 में पड़ने वाले सिख त्योहारों की सूची के अनुसार 22 जून, शनिवार तथा अन्य कैलेंडर के मत-मतांतर के चलते गुरु हर गोविंद सिंह जी की जयंती 23 जून, रविवार को मनाई मनाई जा रही हैं। सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन सिंह के पुत्र श्री गुरु हर गोविंद सिंह जी सिख धर्म के छठे गुरु हैं। उनका जन्म बडाली/ अमृतसर में हुआ था और उनकी माता का नाम गंगा था। 
 
गुरु हर गोविंद सिंह ने बचपन में अपना ज्यादातर समय युद्ध- प्रशिक्षण, कला में लगाया और बाद में वे कुशल तलवारबाज होने के साथ-साथ कुश्ती व घुड़सवारी में भी पारंगत हो गए। सिखों को अस्त्र-शस्त्र का प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित करने का श्रेय भी गुरु हर गोविंद सिंह जी को जाता हैं।  
 
उन्होंने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। हर गोविंद सिंह महाराज जी ने अमृतसर में अकाल तख्त (ईश्वर का सिंहासन, स्वर्ण मंदिर के सम्मुख) का निर्माण किया। इसी भवन में अकालियों की गुप्त गोष्ठियां होने लगीं। इनमें जो निर्णय होते थे उन्हें 'गुरुमतां' अर्थात् 'गुरु का आदेश' नाम दिया गया।
 
इस कालावधि में उन्होंने अमृतसर के निकट एक किला बनवाया तथा उसका नाम लौहगढ़ रखा। दिनोंदिन सिखों की मजबूत होती स्थिति को खतरा मानकर मुगल बादशाह जहांगीर ने उनको ग्वालियर में कैद कर लिया।
 
गुरु हर गोविंद 12 वर्षों तक कैद में रहे, इस दौरान उनके प्रति सिखों की आस्था और अधिक मजबूत होती गई। वे लगातार मुगलों से लोहा लेते रहे। रिहा होने पर उन्होंने शाहजहां के खिलाफ बगावत कर दी और संग्राम में शाही फौज को हरा दिया।

उन्होंने अंत में कश्मीर के पहाड़ों में शरण ली, जहां सन् 1644 ई. में कीरतपुर (पंजाब) में उनकी मृत्यु हो गई। अपनी मृत्यु से ठीक पहले गुरु हर गोविंद जी ने अपने पोते गुरु हर राय को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। गुरु हर गोविंद सिंह महाराज जी के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा में कीर्तन दरबार, अखंड पाठ और अटूट लंगर का आयोजन भी किया जाता है।

 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

23 जून 2024 : आपका जन्मदिन