Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(षष्ठी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण षष्ठी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-गुरुपुष्य योग (रात्रि 07.29 तक)
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस, जानें उनकी कहानी

हमें फॉलो करें गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस, जानें उनकी कहानी
, गुरुवार, 30 मई 2024 (15:32 IST)
Guru Arjan Dev
 
HIGHLIGHTS
 
• गुरु अर्जन देव जी कौन थे।
• सिखों के पांचवें हैं गुरु अर्जुन देव जी के बारे में जानें। 
• श्री गुरु अर्जुन देव की पुण्यतिथि आज।  
 
Guru Arjan Dev ji : आज गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस है। वे सिख धर्म के 5वें गुरु है। मान्यतानुसार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 15 अप्रैल 1563 को अमृतसर में हुआ था। तथा तिथि के अनुसार अर्जुन देव जी का जन्म वैशाख वदी सप्तमी के अनुसार हुआ था।  
 
उनका जन्म सिख धर्म के चौथे गुरु, गुरु रामदास जी तथा माता भानी जी के घर जन्म  गोइंदवाल (अमृतसर) में हुआ था। 
 
गुरु अर्जुन/ अर्जन देव का वे सिख धर्म के 5वें गुरु माने गए हैं। उनमें धार्मिक एवं मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण, सहृदयता, कर्तव्यनिष्ठता और निर्मल प्रवृत्ति होने  कारण ही गुरु रामदास जी ने उन्हें 5वें गुरु के रूप में गुरु गद्दी पर सुशोभित किया। 
 
उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब का संपादन किया तथा उनके स्वयं की उच्चारित 30 रागों में 2,218 शबदों श्री गुरुग्रंथ साहिब में दर्ज किया है। 
 
गुरु अर्जुन देव ने सभी गुरुओं की बानी और अन्य धर्मों के संतों के भजनों को संकलित कर एक ग्रंथ बनाया, जिसका नाम 'ग्रंथसाहिब' रख कर उसे हरमंदिर में स्थापित करवाया।
 
वे संत शिरोमणि, सर्वधर्म समभाव के प्रखर पैरोकार तथा मानवीय आदर्शों को कायम रखने के लिए आत्म बलिदान करने वाले एक महान आत्मा थे। 'तेरा कीआ मीठा लागे/ हरि नाम पदारथ नानक मागे' शबद का उच्चारण करते हुए गुरु अर्जुन देव जी ने सन्‌ 1606 मेंअमर शहीदी प्राप्त की। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Apara ekadashi : अपरा एकादशी व्रत रखने का क्या है महत्व?