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Guru Har Rai death anniversary: गुरु हर राय जी की पुण्यतिथि, जानें उनकी जीवन की 5 शिक्षाप्रद बातें

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हमें फॉलो करें 7th Sikh Guru Guru Har Rai quotes

WD Feature Desk

, बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 (08:41 IST)
Sikh Guru Har Rai biography:श्री गुरु हर राय जी सिख धर्म के सातवें गुरु थे, जिन्होंने 1644 से 1661 तक गुरु गद्दी संभाली। वे गुरु हरगोबिंद साहिब जी के पोते और बाबा गुरदित्ताजी के पुत्र थे। गुरु हर राय जी ने अपने जीवन में शांति, करुणा और सेवा को महत्व दिया। उन्होंने सिखों को आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों पर चलने की प्रेरणा दी। साथ ही, उन्होंने एक विशाल औषधालय और हरिद्वार में धर्म प्रचार केंद्र स्थापित किया।ALSO READ: श्री गुरु तेग बहादुरजी के शहीदी दिवस को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाएगा
 
मुगल सम्राट औरंगजेब के समय में भी उन्होंने सिख धर्म की रक्षा की और अपने भतीजे गुरु हरकृष्ण जी को आठवें गुरु के रूप में नामित किया। गुरु हर राय जी की पुण्यतिथि उनके अद्वितीय आध्यात्मिक योगदान, करुणा, और सेवा की भावना को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाई जाती है। वर्ष 2025 में गुरु हर राय ज्योति जोत दिवस 15 अक्टूबर 2025, दिन बुधवार को मनाया जा रहा है।
 
जीवन परिचय:
 
जन्म: जनवरी 1630, कीरतपुर साहिब (पंजाब)
गुरु गद्दी पर आसीन: 1644 ई. में, अपने दादा गुरु हर गोबिंद जी के बाद
देह त्याग: अक्टूबर 1661, कीरतपुर साहिब
गुरु के रूप में कार्यकाल: लगभग 17 वर्ष (1644–1661)।
 
गुरु हर राय जी की शिक्षाप्रद बातें:
 
1. करुणा और सहानुभूति का संदेश: गुरु हर राय जी बेहद दयालु और करुणामयी स्वभाव के थे। उन्होंने कई पशु-पक्षियों और बीमार लोगों की सेवा की। उन्होंने एक आयुर्वेदिक औषधालय की स्थापना की थी, जिससे सभी धर्मों के लोग लाभान्वित होते थे।
 
2. अहिंसा और शांति का प्रतीक: हालांकि उनके पास एक सशक्त सैन्य दल था, परंतु उन्होंने कभी आक्रामक नीति नहीं अपनाई। वे शांति और भाईचारे में विश्वास रखते थे।
 
3. सेवा और सच्चाई की प्रेरणा: गुरु हर राय जी ने 'सेवा' और 'सच्चाई' को जीवन का मूल आधार बताया। उनका मानना था कि बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति की मदद करनी चाहिए।
 
4. धार्मिक सहिष्णुता: उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान किया और धार्मिक एकता को बढ़ावा दिया। मुग़ल सम्राटों से भी उन्होंने शांति बनाए रखने की नीति अपनाई।
 
5. प्रकृति और पर्यावरण प्रेमी: गुरु हर राय जी को फूलों, पेड़ों और प्रकृति से विशेष लगाव था। वे कहते थे, 'किसी भी जीवित चीज को नष्ट करना, सृष्टि के नियमों के विरुद्ध है।'
 
गुरु हर राय जी का निधन कार्तिक वदी 9 अर्थात् कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर, अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख के अनुसार 6 अक्टूबर 1661 को कीरतापुर साहिब में हुआ था। उनका जीवन करुणा, सेवा, सहनशीलता और धर्मनिरपेक्षता का आदर्श उदाहरण है। उनकी पुण्यतिथि पर हमें उनके बताए रास्तों पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Guru Ram Das Jayanti 2025: चौथे सिख गुरु, गुरु रामदास जी की जयंती, जानें उनके बारे में रोचक बातें

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