Second solar eclipse of the year 2024: 8 अप्रैल 2024 सोमवार खग्रास सूर्य ग्रहण था। अब 2 अक्टूबर बुधवार को वलयकार सूर्य ग्रहण रहेगा। चंद्र ग्रहण से जहां समुद्र में आपदा आती है वहीं सूर्य ग्रहण से धरती पर आपदाएं आती है। जब दोनों ही ग्रहण 15 दिनों के अंतराल पर लगते हैं तब दोनों ही क्षेत्रों में आपदाएं बढ़ जाती है।
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सूर्य ग्रहण कब रहेगा : 2 अक्टूबर 2024 बुधवार को सूर्य ग्रहण रहेगा।
सूतक काल : भारत में मान्य नहीं।
सूर्य ग्रहण का समय : भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 13 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी और आधी रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा।
कहां दिखाई देगा : भारत में नहीं दिखाई देगा। 2 और 3 अक्टूबर की दरम्यानी रात लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण के नजारे से भी देश के खगोलप्रेमी वंचित रहेंगे। पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल में भी नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका और अटलांटिक महासागर, आइलैंड, ब्राजील, पेरू, चिली, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, मैक्सिको, न्यूजीलैंज, फिजी और आर्कटिक समेत कई देशों में नजर आएगा।
क्या होता है वलयकार सूर्य ग्रहण : सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना कुल 7 मिनट 21 सेकंड चलेगी और इसकी चरमावस्था पर सूर्य का 93 प्रतिशत फीसद हिस्सा ढक जाएगा जिससे सौरमंडल का मुखिया पृथ्वीवासियों को चमकदार कंगन की तरह दिखाई देगा। इसे कंगन या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। सूर्य ग्रहण में जब चंद्रमा पृथ्वी से बहुत दूर होता है और इस दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। ऐसे में सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन या वलय के रूप में चमकता दिखाई देता है। कंगन आकार में बने सूर्य ग्रहण को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।