solar eclipse 2024: वर्ष 2024 का पहला और सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण होने जा रहा है। यह खग्रास सूर्य ग्रहण होगा। खग्रास यानी पूर्ण सूर्य ग्रहण। चंद्रमा सूर्य को पूरी तर ढक लेगा। इस ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा। करीब 54 वर्षों के बाद इस सूर्य ग्रहण पर दुर्लभ योग संयोग बन रहे हैं। जैसे इस दौरान एक धूमकेतु नजर आएगा, सूर्य के उपर बृहस्पति और नीचे शुक्र नजर आएगा और इसी के साथ ही यह सबसे लंबी अवधि का सूर्य ग्रहण होगा जिससे आसमान में अंधेरा छा जाएगा।
कब कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण :
- भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात्रि 09:12 पर प्रारंभ होकर रात में 1 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा।
- न्यूयार्क में यह सूर्य ग्रहण दोपहर 02:10 पर प्रारंभ होकर दोपहर 04:36 पर समाप्त होगा।
- वॉशिंगटन डीसी में यह सूर्य ग्रहण दोपहर 02:03 पर प्रारंभ होकर दोपहर 04:32 पर समाप्त होगा।
- वॉशिंगटन डीसी में सूतक काल 01:10 am पर प्रारंभ होकर 04:32 pm पर समाप्त होगा।
- न्यूयार्क में सूतककाल 12:58 am प्रारंभ होकर 04:36 pm पर समाप्त होगा।
- अमेरिका के हर क्षेत्र में इसके प्रारंभ और समाप्त होने के समय और अवधि में भिन्नता रहेगी।
कहां नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण : यह ग्रहण भारत, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, फिजी, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई देशों में दिखाई नहीं देगा। साथ ही यह ग्रहण दक्षिण अटलांटिक महासागर, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अधिकांश यूरोप महाद्वीप के देशों में भी यह नजर नहीं आएगा।
भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। फिर भी इस दौरान कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाना चाहिए क्योंकि यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है और इसका राशियों सहित धरती के एक बहुत बड़े भूभाग पर प्रभाव रहेगा।
1. सूर्य ग्रहण के दौरान पूजन करना और स्नान करना भी शुभ नहीं माना जाता।
2. पानी में तुलसी का प्रयोग करने के बाद ही उसे ग्रहण करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान जल पर इसका असर होता है इसीलिए जल में तुलसी का पत्ता डालकर उसे शुद्ध कर लिया जाता है इसके बाद ही पीना चाहिए।
3. सूर्य ग्रहण के दौरान श्रमशील कार्यों और यात्रा से बचकर रहना चाहिए।
4. गर्भवती महिलाएं और बच्चे इस दौरान सावधानी रखें। कहते हैं कि इससे गर्भस्थ शिशु की त्वचा पर प्रभाव पड़ता है। अत: घर से बाहर ना निकलें। ग्रहण के दौरान में चाकू, छुरी या तेज धार वाली वस्तुओं का प्रयोग न करें।
5. सूर्य ग्रहण पर अमावस्या है इसलिए भी नशे से दूर रहें। किसी भी प्रकार का नशा न करें।
6. जहां भी यह सूर्य ग्रहण दिखाई दे रहा है, वे यदि सूर्य ग्रहण देखना चाहते हैं तो अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए एक्लिप्स ग्लास का इस्तेमाल करें। घर के बने फिल्टर या पारंपरिक धूप के चश्मे का इस्तेमाल न करें इससे आंखें खराब हो सकती है।
7. जो बच्चे ग्रहण देखना चाहते हैं वे माता-पिता की देखरेख में ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि यह तय करना जरूरी है कि बच्चे किस तरह के ग्लास से यह देख रहे हैं, कहीं ग्लास हटाकर भी तो सूर्य ग्रहण को नहीं देख रहे हैं।
8. माना जाता है कि ग्रहण का असर बने हुए भोजन पर भी पड़ता है, इसीलिए ग्रहण समाप्त होने के बाद ही भोजन पकाकर खाया जाता है। ग्रहण से 2 घंटे पहले हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन खाने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के बाद ताजे भोजन में भी तुलसी का पत्ता डालकर उसे खाया जाता है। ग्रहण के बाद भोजन ताजा ही बनाकर खाएं।
9. यह भी कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दौरान पाचन शक्ति कमजोर और जठराग्नि मंद पड़ जाती है।
10. यह भी कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान संवेदनशील या भावुक व्यक्ति और भी भावुक या संवेदनशील हो जाते हैं। यह हमारी भावनाओं पर असर करता है और नकारात्मक भावों को जन्म देते हैं। इसलिए इस दौरान सावधान रहें। मन को किसी संगीत या मनोरंजन में लगाएं।
11. कहते हैं कि ग्रहण के दौरान व्यक्ति सुस्त या थका हुआ महसूस करता है। यह भी कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान हमारी प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है। इसलिए आप अपने शरीर को लेकर सावधान रहें। रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने से मौसमी बीमारियों की चपेट में आ सकते हो।
12. ऐसे भी कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान बैक्टीरिया और वायरसों की संख्या घट-बढ़ जाती है। ऐसे में किसी भी प्रकार का रोग नहीं हो इसके लिए ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई के साथ ही उसका शुद्धिकरण किया जाता है।
13. सूर्य ग्रहण भारत में भले ही नहीं दिखाई दें, फिर भी उसका असर संपूर्ण धरती पर होता है। अत: इस दिन सभी को सावधानीपूर्वक कार्य करना चाहिए।
14. यह भी कहा जाता है कि ग्रहण के पूर्व या बाद में 40 दिन के अंतराल में भूकंप आता है और समुद्र में तूफान भी उत्पन्न होते हैं। ऐसे में यदि आप ऐसी जगह पर रह रहे हैं जहां पर भूकंप या तूफान आने का अंदेशा ज्यादा रहता है तो आप को सावधान रहना।
15. मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार का अग्निकर्म नहीं किया जाता है। जैसे खाना पकाना, दाह संस्कार करना आदि। हालांकि इस संबंध में किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।