21 जून 2020 को ज्योतिष की दृष्टि में वर्ष का पहला खंडग्रास सूर्यग्रहण होने जा रहा है। इसके बाद 14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण होगा। आखिर ये खंडग्रास क्या और कैसे होता सूर्य ग्रहण यह जानना जरूरी है।
1. क्या है खंडग्रास : दरअसल, ग्रहण कई प्रकार होते हैं जैसे खग्रास या पूर्ण, खंडग्रास, मान्द्य, कंकणाकृति आदि। खंडग्रास का अर्थ अर्थात वह अवस्था जब ग्रहण सूर्य या चंद्रमा के कुछ अंश पर ही लगता है। अर्थात चंद्रमा सूर्य के सिर्फ कुछ हिस्से को ही ढंकता है। यह स्थिति खण्ड-ग्रहण कहलाती है, जबकि संपूर्ण हिस्से को ढंकने की स्थिति खग्रास ग्रहण कहलाती है।
2. कैसे होता है सूर्य ग्रहण : सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य आंशिक अथवा पूर्ण रूप से चंद्रमा द्वारा आवृत्त हो जाए। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाता है तो वह सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ढंक लेता है। इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
सरल अर्थों में जब पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया पड़ती है तब सूर्य ग्रहण होता है और जब पृथ्वी सूर्य तथा चंद्रमा के बीच आती है, तब चंद्र ग्रहण होता है।