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Shradh Paksha 2025: सर्वपितृ आमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का योग, जानिए कब करें श्राद्ध कर्म

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 9 सितम्बर 2025 (14:33 IST)
solar eclipse on sarvapitri amavasya 2025: 7 सितंबर 2025 रविवार को चंद्र ग्रहण वाले दिन 16 श्राद्ध प्रारंभ हुए थे और अब 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण रहेगा। यह संयोग करीब 100 वर्षों के बाद बना है। सूर्य ग्रहण वाले दिन कब करें सर्वपितृ अमावस्या के दिन का श्राद्ध। जिनका इस तिथि को निधन हुआ है या जिनकी तिथि ज्ञात नहीं है उनका श्राद्ध इस दिन करते हैं।
 
अमावस्या तिथि प्रारम्भ- 21 सितम्बर 2025 को 12:16 AM बजे।
अमावस्या तिथि समाप्त- 22 सितम्बर 2025 को 01:23 AM बजे।
नोट: श्राद्ध के कर्म दिन में दोपहर या अपराह्न काल में किए जाते हैं। 21 सितंबर को दिन में ही यह समय मिल पाएगा। इसलिए सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर को रहेगी।
 
21 सितम्बर 2025 सर्वपितृ अमावस्या के समय श्राद्ध का समय:-
कुतुप मूहूर्त- दिन में 11:50 से दोपहर 12:38 तक।
रोहिणी मूहूर्त- दोपहर 12:38 से अपराह्न 01:27 तक।
अपराह्न काल- दोपहर बाद 01:27 से 03:53 तक।
 
वर्ष 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण कब रहेगा?
वर्ष 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 और 22 सितंबर की दरमियान रहेगा। यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार अमावस्या तिथि में जरूर लगेगा लेकिन यह भारत में नजर नहीं आएगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसलिए इस दिन श्राद्ध कर्म करने में कोई हर्ज नहीं है। उल्लेखनीय है कि सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन ही लगता है। जहां यह लगेगा वहां पर अमावस्या रहेगी।
 
ग्रहण समय: भारतीय समयानुसार यह ग्रहण 21 नवंबर को सुबह 07:12 बजे शुरू होगा और दोपहर 11:27 बजे समाप्त होगा। यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में यह दिखाई नहीं देगा। प्रत्येक क्षेत्र के अनुसार इसका समय अलग अलग रहेगा।
 
यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण है, जिसका अर्थ है कि चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ही ढकेगा, और सूर्य पूरी तरह से ग्रहण से प्रभावित नहीं होगा। सूर्य ग्रहण के दिन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है। उस दिन शुक्ल योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेंगे। यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगने वाला है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।

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