नई दिल्ली: शीर्ष वरीय पुरुष खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत सहित सात भारतीय खिलाड़ियों के कोरोना से संक्रमित होकर इंडिया ओपन से बाहर हो जाने के बीच चौथी सीड सायना नेहवाल को गुरूवार को दूसरे दौर में मालविका बंसोड़ से लगातार गेमों में हारकर इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट से बाहर हो जाना पड़ा।
20 वर्षीय मालविका ने सायना को महिला एकल के दूसरे दौर में 34 मिनट में 21-17 21-9 से हराकर करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। इस बीच महिला वर्ग में टॉप सीड पीवी सिंधू ने हमवतन इरा शर्मा को मात्र 30 मिनट में 21-10 21-10 से पराजित कर क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली।
भले ही सायना शारीरिक रूप से सर्वश्रेष्ठ स्थिति में नहीं थीं और अभी भी इस टूर्नामेंट में घुटने की गंभीर चोट से उबर रही हैं, बंसोड़ को उनके खिलाफ आसान जीत नहीं मिलने वाली थी क्योंकि अनुभवी पूर्व चैंपियन हर स्थिति में लड़ने और जीतने के लिए तैयार थीं।सायना की लाइन स्मैश को बेहतरीन ढंग से हिट करने की क्षमता का मुकाबला करने के लिए बंसोड़ ने अधिक से अधिक ड्रॉप्स के साथ मुकाबला शुरू किया। इससे उन्हें शुरुआती गेम में 11-6 की बढ़त बनाने में मदद मिली।
बंसोड़ के दबाव में, साइना ने फिर खुद को फोरहैंड कॉर्नर पर बेहतर करने का प्रयास शुरू किया और इस प्रयास में उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी को बैक कोर्ट में धकेल दिया।इसने सायना को 16-18 के अंतर को कम करने में मदद मिली। हालांकि इसके बाद उनसे स्मैश पर दो बेजां गलतियां हुईं और इसने बंसोड़ को पहला गेम जीतने में मदद की।
दुनिया की 111 नंबर की खिलाड़ी ने बैक कोर्ट पर सायना के गेम प्लान को भी अच्छी तरह से पढ़ा और अपने प्रतिद्वंद्वी को कोर्ट के चारों कोनों में ले जाती रहीं और उसकी फिटनेस का भरपूर टेस्ट लिया। सायना बंसोड़ की सपाट टॉसेज पर देरी से रिस्पांस कर रही थीं और इसी कारण वह दूसरे गेम में बिल्कुल भी लड़ाई की स्थिति में नहीं दिखीं।
बंसोड़ ने मैच के बाद कहा,“मैं पहली बार उनके खिलाफ खेल रही थी। मैं जीतने या हारने के बारे में नहीं सोच रही थी। मेरा प्लान सिर्फ शटल को खेल में बनाए रखने और सायना को व्यस्त रखने का था । ”
नौ साल पहले एक राज्य स्तरीय टूर्नामेंट के दौरान पहली बार सायना के पोस्टर देखने के बाद से ही के उनके करियर का अनुसरण कर रही 20 वर्षीय बंसोड़ ने कहा कि उन्होंने पूरे मैच के दौरान अपनी वरिष्ठ हमवतन का चेहरा नहीं देखने का फैसला किया क्योंकि उन्हें फोकस खोने का डर था।
अपने पहले योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन में खेल रही बनसोड का सामना अब अगले दौर में कश्यप से होगा। इससे पहले पिछले महीने हैदराबाद में आयोजित अखिल भारतीय सीनियर रैंकिंग टूर्नामेंट के फाइनल दोनों की भिड़ंत हुई थी।
बंसोड़ ने जहां गुरुवार को अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की, वहीं एक शांत और संयमित चालिहा अपनी फ्रांसीसी विरोधी होयेक्स के लिए काफी मजबूत साबित हुई। फ्रांसीसी महिला ने हालांकि मैच में अच्छी शुरुआत करते हुए पहले 15-11 की बढ़त ले ली थी लेकिन इसके बाद चालिहा ने शानदार वापसी की।चालिहा ने गेम पॉइंट तक पहुंचने के लिए नौ लगातार अंक जीते। गुवाहाटी की यह लड़की दूसरे गेम में पूरी तरह से नियंत्रित और इसी की बदौलत उसने जीत हासिल की।
बंसोड़ का सामना भारत की आकर्षि कश्यप से होगा। आकर्षि ने हमवतन केयुरा मोपाटिन को 21-10, 21-10 से शिकस्त दी। निश्चित रूप से बैडमिंटन में भारत की पहली ओलंपिक मेडलिस्ट को हराना मानविका के लिए एक बड़ी बात है और यह उनके करियर के सुनहरे दिनों में से एक है।
हार के बाद लंदन 2012 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली साइना नेहवाल ने मालविका की तारीफ की और कहा कि वह एक बेहतरीन खिलाड़ी है और आगे अपने खेल में और सुधार लाने वाली है। उन्हें पता है कि कैसे लंबी रैली की जाती है। मैं आशा करती हूं कि वह आगे जाकर काफी अच्छा करें और खासकर इस टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़े।
सिंधू का क्वार्टरफाइनल में अपने देश की अश्मिता चालिहा से मुकाबला होगा जिन्होंने दूसरे दौर के एक अन्य मुकाबले में फ़्रांस की येले होएक्स को 30 मिनट में 21-17 21-14 से हरा दिया।
इस बीच पुरुष वर्ग में छठी सीड समीर वर्मा फ़्रांस के ब्रायन यंग के खिलाफ पहले गेम में 2-4 से पिछड़ने के बाद चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए। शीर्ष वरीय श्रीकांत कोरोना से संक्रमित होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी डेनमार्क के किम ब्रुन ने क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली।प्रणय का सामना लक्ष्य सेन और स्वीडन के फेलिक्स बुस्टेट के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा।