मेलबर्न। टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी एंडी मर्रे ने भावुक होकर शुक्रवार को कहा कि कूल्हे की सर्जरी के बाद दर्द के कारण अगले सप्ताह से शुरू हो रहा ऑस्ट्रेलियाई ओपन उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट हो सकता है।
विश्व रैंकिंग में पूर्व में नंबर एक खिलाड़ी रहे तीन बार के ग्रैंडस्लैम विजेता मर्रे यहां सम्मेलन में भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गई। उन्होंने कहा कि उनका दर्द कई बार असहनीय हो जाता है।
स्कॉटलैंड (ब्रिटेन) के 31 साल के इस खिलाडी ने कहा, मैं कमियों के साथ खेल सकता हूं। लेकिन कमियां और दर्द मुझे प्रतियोगिता या प्रशिक्षण का लुत्फ नहीं उठाने दे रहे।
उन्होंने कहा कि वह अपने घरेलू ग्रैंडस्लैम विम्बलडन के साथ करियर को खत्म करना चाहते हैं लेकिन उन्होंने माना कि उनके लिए तब तक खेलना मुश्किल होगा।
मर्रे को 77 साल में विम्बलडन जीतने वाले पहले ब्रिटिश खिलाड़ी के तौर पर जाना जाता है जो इस खेल के स्वर्णिम काल में रोजर फेडरर, नोवाक जोकोविच और राफेल नडाल जैसे खिलाडियों के साथ शीर्ष पर पहुंचे।
उन्होंने कहा, मैं विम्बलडन खेल कर संन्यास लेना चाहता हूं। लेकिन मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि तब तक खेल पाउंगा। मैं लंबे समय से संघर्ष कर रहा हूं। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि और चार-पांच महीने खेल पाउंगा।
पिछले सत्र में उन्होंने सितंबर में शेनझेन में अपना आखिरी टूर्नामेंट खेला था। इस सत्र में ब्रिस्बेन में वह दूसरे दौर में हारकर बाहर हो गए। ऑस्ट्रेलियाई ओपन में वह पहले दौर में 22वीं वरीयता प्राप्त रोबर्टो बतिस्ता आगुत के खिलाफ खेलेंगे।
उन्होंने कहा, मैं इस मैच में खेलूंगा, मैं एक स्तर तक खेल सकता हूं लेकिन उस स्तर तक नहीं जैसा खेल कर मैं खुश रह सकूं। मर्रे ने विम्बलडन में 2013 में जीत दर्ज कर इस टूर्नामेंट में खिताब के ब्रिटेन के 77 साल के सूखे को खत्म किया था। उनसे पहले फ्रेड पैरी ने यह खिताब जीता था।
मर्रे ने 2016 में भी इस खिताब को दोबारा अपने नाम किया था। इससे पहले उन्होंने 2012 में अमेरिकी ओपन फाइनल में चार घंटे 54 मिनट तक चले मुकाबले में जोकोविच को हराकर 1936 में खिताब जीतने वाले पैरी की बराबरी की थी। (भाषा)