नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जरा भी उम्मीद नहीं थी कि उन्होंने जिन एशियाड पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया है, उसी समारोह में उन्हीं से खरी-खोटी सुनने को मिलेगी। जकार्ता एशियाई खेलों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान दिव्या काकरन ने केजरीवाल पर भड़कते हुए अपने दिल का दर्द बयां कर डाला।
मुख्यमंत्री ने जरूरत के वक्त फोन तक नहीं उठाया : दिल्ली में बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली दिव्या काकरन ने केजरीवाल को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि आज भले ही आप मेरा सम्मान कर रहे हैं लेकिन जब मुझे पैसों की बहुत जरूरत थी, तब मेरा फोन तक नहीं उठाते थे। उन्होंने कहा कि सरकार पदक जीतने के बाद तो खिलाड़ियों के लिए सब कुछ कर रही है, लेकिन जरूरत के समय मदद नहीं देती। एशियन गेम्स की तैयारी के लिए मैंने कुछ सामान की लिस्ट भी दी, जो मुझे नहीं मिली।
जब गोल्ड जीते तब सम्मान नहीं किया : दिव्या के अनुसार मैंने 19 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में पदक जीता। सीनियर कैटिगिरी में दिल्ली को लगातार 12 गोल्ड मेडल दिलाए। अब सरकार मुझे जकार्ता में जीते गए कांस्य पदक पर इनाम दे रही है, लेकिन लेकिन जब मैंने गोल्ड जीते, तब मेरे लिए कुछ भी नहीं हुआ। जिस परिस्थिति में यहां आई हूं, वह बहुत मुश्किल है। सरकार को गरीब खिलाड़ियों के लिए भी कुछ सोचना चाहिए।
हरियाणा में 3 करोड़ और दिल्ली में 20 लाख : हरियाणा और दिल्ली की खेल सुविधाओं की तुलना करते हुए दिव्या ने कहा कि हरियाणा में देखिए खिलाड़ियों को कितनी समर्थन मिलता है। वहां 3 करोड़ मिलते हैं और यहां 20 लाख। हरियाणा में कहते हैं घी-दूध है। घी-दूध दिल्ली में भी है लेकिन यहां कोई सपोर्ट नहीं है। हरियाणा को इन्हीं सुविधाओं के कारण अधिक पदक मिलते हैं।
केजरीवाल ने केंद्र को जिम्मेदार ठहराया : जब दिव्या अपने मन की भड़ास निकाल चुकी थी, उसके बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना था कि हम भी चाहते हैं कि खिलाड़ियों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिले और वे आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। हमने कई बार नीतियां बनाकर केंद्र सरकार को भेजी लेकिन हमारी नीतियों पर कभी गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया। केजरीवाल ने सारा दोष केंद्र सरकार के माथे ढोल दिया।
केजरीवाल ने किया मदद का वादा : दिव्या का सम्मान करने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि आप सभी ने अपने परिवार के साथ-साथ इस देश और दिल्ली को गौरवान्वित किया है। आप में से कई खिलाड़ी कठिन परिस्थितियों से जूझ चुके हैं। आपने वित्तीय समस्याओं और सुविधाओं की कमी का सामना किया है। आपका प्रयास अतुलनीय है। आप सभी उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हम स्कूलों में जाकर बच्चों को आपके नक्शे कदम पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे और खिलाड़ियों को पूरी मदद करेंगे।